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रेत के बवंडर में ओझल हो गई पानी की हिलोरें

मथुरा, कोसीकलां: तीनों मौसम के हालातों में नवीपुर गांव की आबादी को सहयोग देने वाले तीन कुंडों में

By JagranEdited By: Published: Mon, 22 May 2017 11:36 PM (IST)Updated: Mon, 22 May 2017 11:36 PM (IST)
रेत के बवंडर में ओझल हो गई पानी की हिलोरें
रेत के बवंडर में ओझल हो गई पानी की हिलोरें

मथुरा, कोसीकलां: तीनों मौसम के हालातों में नवीपुर गांव की आबादी को सहयोग देने वाले तीन कुंडों में से सबसे बड़े तिहाला कुंड पर गांव को भी नाज था। धरती की परतों को कुरेदते ही पानी उबल आता था। पानी का स्वाद भले ही थोड़ा कसैला था लेकिन पशु-पक्षियों के कलरव और बचपन की अठखेलियां कुंड की पहचान थे। आधुनिकता की रेस जीत गांव को औद्योगिकरण का पुरस्कार मिला तो कुंडों की हिलोरों पर लालच की लकीरें ¨खच गई। भागमभाग और आपाधापी के रवैये ने कुंडों का स्वरूप छीन लिया तो अनदेखी ने कुंडों का गला सुखा दिया है। अब हालात है कि तली पानी के इंतजार में हैं तो तट अपने वास्तविक स्वरूप पाने को आतुर।

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प्रदेश में औद्योगिक गांव के रूप में पहचान पाने वाला नंदगांव ब्लॉक का गांव है नवीपुर। विकास के कागजी दावों वाला यह गांव अपनी प्राचीन विरासत को नहीं बचा पा रहा है। गांव के तीन कुंडों में से एक है तिहाला कुंड। जो कभी 1.680 हेक्टेयर के विशाल स्वरूप में था। जाट बाहुल्य इस गांव की खूबसूरती सभी धर्म एवं जातियों के लोगों का मिलजुलकर रहना है। विकास के नाम पर यहां खेतों में कंक्रीट की परत बिछी तो प्राकृतिक विरासत को नजर लग गई। लेकिन गांव का तिहाला कुंड एवं सहयोगी दो तालाब के पानी की लहरों के दम पर दूध क्रांति कमजोर नहीं होने दी। बरसाती पानी एवं उनके कुंओ ने दैनिक जीवन के अंकुर को सहेजने में कोई कसर नहीं छोड़ी। लेकिन आज कुंड का दम घुट रहा है। हिलोरों की जगह रेस की आंधियों ने ले ली है। तालाब के बीचों बीच बने कुआं का भी गला रुंध गया है वहीं तालाब सूख गया है। लालची निगाहों ने उसके स्वरूप को छोटा किया हुआ है। कब्जों के चलन से हर बार तटों को स्थान बदलना पड़ रहा है। अब यहां निर्माण भी होने लगे हैं। तो अतिक्रमण ने तालाब के आकार को भी विकृत कर दिया है। अब लोगों को नहाने के पानी के लिए भी धरती की छाती में गहराई तक घाव देना ही होता है।

युवा ग्राम प्रधान गजेंद्र चौधरी तालाब की इस स्थिति को लेकर ¨चतित हैं। कहते हैं कि तालाब को जीवन देने के लिए सफाई जरूरी है। वे प्रयास कर रहे हैं। खुदाई भी कराई जाएगी। लेकिन अतिक्रमण पर ग्रामीण अपील के बावजूद इस पक्ष को नहीं सुनना चाहते। अधिकारियों के भी कदम यहां आकर ठिठक जाते हैं।

--तालाब की सफाई के लिए ग्रामीणों की मंत्रणा :औद्योगिक क्षेत्र के गांव नवीपुर के सूखे पड़े तिहाला कुंड तालाब की स्थिति को लेकर ग्रामीणों ने मंथन किया। सभी ने इसके सुंदरीकरण में सहयोग का संकल्प लिया है। इनमें लालाराम के साथ भूदर, जगराम, प्रदीप, मुखराम, अमित कुमार, कुलदीप, रमेश, सोनू सहित तमाम लोग शामिल थे।


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