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निराश्रितों का दर्द भुला दिया अफसरों ने

जागरण संवाददाता, वृंदावन: सर्द हवाओं के झारोखों से निराश्रित व गरीब लोगों को राहत देने के लिए सूबे क

By Edited By: Published: Wed, 18 Jan 2017 12:31 AM (IST)Updated: Wed, 18 Jan 2017 12:31 AM (IST)
निराश्रितों का दर्द भुला दिया अफसरों ने
निराश्रितों का दर्द भुला दिया अफसरों ने

जागरण संवाददाता, वृंदावन: सर्द हवाओं के झारोखों से निराश्रित व गरीब लोगों को राहत देने के लिए सूबे के मुखिया अखिलेश यादव के कंबल वितरण और रैन बसेरा की व्यवस्था करने के आदेश को अफसरों ने हवा में उड़ा दिए। न तो निराश्रितों को कंबल ही बंट सके और न ही शहर में रैन बसेरा की उचित व्यवस्था हो सकी।

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बांकेबिहारी की नगरी में हर दिन ऐसे सैकड़ों लोग लोग दर्शन करने को आते हैं, जो न तो गेस्टहाउस और नही होटलों का खर्चा वहन कर सकते हैं और धर्मशालाएं वृंदावन में बची नहीं हैं। ऐसे में इन लोगों के पास रात गुजारने के लिए रैन बसेरा के अलावा कोई दूसरा आसरा नहीं। मगर, जिला प्रशासन को शायद ऐसे लोगों की दिक्कत दिखाइ नहीं देती। नगर पालिका परिषद ने दो रैन बसेरा बनाए। मगर, इनमें से अटल्ला चुंगी का रैन बसेरा ऐसा कि जहां कदम रखने की भी हिम्मत कोई नहीं जुटा सकता। गंदगी से अटे पड़े इस रैन बसेरा में दो चार साधु ही रात गुजारते हैं। दूसरा रैनबसेरा परशुराम पार्क में स्थापित किया गया। यहां भी लोगों को ठहरने के पर्याप्त साधन नहीं। ऐसे में जो लोग देर रात वृंदावन पहुंचते हैं, रात में सिर छिपाने के लिए इधर-उधर भटकते हुए रेलवे स्टेशन अथवा मंदिरों के आसपास रात गुजारने पर मजबूर हो रहे हैं। गो¨वद देव मंदिर के आसपास दर्जनों लोग सोमवार की रात खुले आसमान में सोते हुए पाए। जबकि रेलवे स्टेशन पर साधुओं के अलावा श्रद्धालु भी रात गुजार रहे थे। मथुरा मार्ग पर सड़क किनारे सो रहे साधु भी जिला प्रशासन को दिखाई नहीं दे रहे।

-कहते हैं नगर मजिस्ट्रेट

नगर मजिस्ट्रेट रामअरज यादव का कहना है कि वृंदावन में तीन बार कंबल बांट गए। रात के नौ बजे जो भी लोग सड़क किनारे सोते मिले उन्हें कंबल दिए गए। रैन बसेरा की व्यवस्था नगर पालिका ने की है। अगर, व्यवस्था उचित नहीं है तो इसकी व्यवस्था दुरस्त की जाएगी।


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