सूचना के चार घंटे तक न जागी पुलिस
जागरण संवाददाता, वृंदावन: मोहन संन्यास आश्रम के दोहरे हत्याकांड में पुलिस ने हद दर्जे की लापरवाही बर
जागरण संवाददाता, वृंदावन: मोहन संन्यास आश्रम के दोहरे हत्याकांड में पुलिस ने हद दर्जे की लापरवाही बरती। वहां कुछ गड़बड़ होने की जानकारी के भी करीब चार घंटे तक पुलिस सोती रही। यही नहीं सूचना देने वाले को ही कोतवाली बुलाकर बैठा लिया। इस बीच अपने अधिवक्ता पति के गायब होने की गुमशुदगी लिखाने कोतवाली महिला के पहुंचने पर पुलिस के कान खड़े हुए, तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
अलीगढ़ के बेसवां निवासी अखिलेश अपने भाई पीयूष से मिलने के लिए सुबह आठ बजे आश्रम पहुंचा। नौ बजे तक जब उसे महंत ने आश्रम में नहीं घुसने दिया, तो उसने 100 नंबर पर सूचना दी। सूचना पर पहुंचने के बजाए पुलिस ने अखिलेश को कोतवाली बुला लिया। अखिलेश बार-बार पुलिस कर्मियों से अनहोनी की आशंका जाहिर करता रहा। करीब 11 बजे आश्रम के पड़ोस में रहने वाले अधिवक्ता प्रभाष गौतम की पत्नी शारदा कोतवाली पहुंचीं। उन्होंने बताया कि उनके पति सोमवार रात से गायब हैं। इसके बाद इंस्पेक्टर एसवी मलिक के कान खड़े हुए। अद्दा पुलिस चौकी प्रभारी प्रवीन कुमार को लेकर दोपहर 12 बजे आश्रम पहुंचे। वहां अंदर का नजारा वीभत्स था। महंत का शव फांसी के फंदे पर लटका था, जबकि प्रभाष गौतम का लहूलुहान शव दूसरे कमरे में पड़ा मिला। महंत पलंग के पास ही छत पर फंदे से लटके मिले। उनकी जीभ बाहर निकल आई थी।
चौकी प्रभारी को छोड़कर चले गए इंस्पेक्टर
आश्रम में दो शव मिलने के बाद भी इंस्पेक्टर एसवी मलिक ने घटना स्थल पर चौकी प्रभारी को छोड़कर चले गए। करीब डेढ़ बजे पुलिस बल के साथ फिर घटना स्थल पर पहुंचे। छात्र पीयूष का तलाश के बाद भी कोई पता नहीं चला। करीब साढ़े चार बजे वरिष्ठ अधिकारियों को घटना से अवगत कराया गया। सूचना मिलने के कुछ देर बाद ही एसएसपी मोहित गुप्ता और एसपी सिटी अशोक कुमार आश्रम पहुंच गए। पूछताछ पड़ोसियों ने पुलिस अधिकारियों को बताया कि पीयूष सुबह से आश्रम के आसपास नजर नहीं आया।