हाईकोर्ट के निर्णय से खिले होमगार्डो के चेहरे
सुरीर (मथुरा): होमगार्डो का वेतन पुलिसकर्मियों के समानांतर करने के हाईकोर्ट के निर्णय के बाद होमगार्
सुरीर (मथुरा): होमगार्डो का वेतन पुलिसकर्मियों के समानांतर करने के हाईकोर्ट के निर्णय के बाद होमगार्डो के चेहरे खिल गए हैं। अब उन्हें इंतजार बस इस बात का है कि सरकार इस निर्णय पर अमल कब शुरू करती है। अभी तक होमगार्ड को मात्र तीन सौ रुपये प्रति दिन के हिसाब से वेतन मिलता है।
होमगार्ड बोले
वर्ष 1975 से होमगार्ड की नौकरी कर रहा हूं। उस समय सात रुपये प्रति दिन वेतन मिलता था। तभी से गर्मी, सर्दी व बरसात में पुलिसकर्मियों के समानांतर कार्य करते चले आ रहे हैं, लेकिन आज भी हमारा वेतन पुलिसकर्मियों से बहुत कम है।
-अशोक कुमार, गांव नगला हरिया।
वर्ष 2008 से होमगार्ड की नौकरी कर रहा हूं। जिला मुख्यालय से लेकर लखनऊ तक होमगार्डो ने वेतन वृद्धि की मांग के लिए चक्कर लगाए, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। अब हाईकोर्ट के इस निर्णय से खुश हूं। सरकार को इसका पालन करना चाहिए।
-रामदयाल कर्दम, टैटीगांव।
50 रुपये प्रतिदिन के वेतन पर नौकरी शुरू की थी। कई-कई माह तक वेतन तो दूर ड्यूटी भी हर माह नहीं मिलती है। इस कारण होमगार्ड आर्थिक तंगी से परेशान रहते हैं। अगर सरकार अदालत के निर्णय को लागू कर दे तो काफी राहत मिलेगी।
-देवेंद्र ¨सह, गांव पालखेड़ा।
पुलिसकर्मियों के बराबर ड्यूटी करता चला आ रहा हूं, लेकिन पुलिसकर्मियों के बराबर वेतन नहीं मिला। इतने कम वेतन में परिवार का पालन पोषण मुश्किल हो रहा है। अब हाईकोर्ट के निर्णय से वेतन बढ़ने की उम्मीद जगी है।
-झंकड़ चौधरी, गांव रामनगला।