यमुना से सपा सरकार ने किया छल
जागरण संवाददाता, मथुरा: सपा सरकार ने यमुना को लेकर घोषणाएं तो बड़ी-बड़ी कीं, लेकिन पिछले साढ़े चार साल
जागरण संवाददाता, मथुरा: सपा सरकार ने यमुना को लेकर घोषणाएं तो बड़ी-बड़ी कीं, लेकिन पिछले साढ़े चार साल में कर कुछ नहीं पाई। ब्रजवासियों की रोजाना पांच सौ क्यूसेक गंगाजल मिलने और यमुना के समानांतर नाले बनने की प्रतीक्षा अब तो और भी लंबी ¨खच सकती है।
साल 2012 में सपा सरकार बनने के बाद यमुना रक्षक दल के नेताओं और संतों ने तत्कालीन ¨सचाई मंत्री शिवपाल यादव के जरिए यमुना के किनारे समानांतर नाले बनवाने का प्रस्ताव रखा और शिवपाल ने भी इसे हरी झंडी दिखा दी। इस मुद्दे को बार-बार उठाया जाता रहा, लेकिन प्रगति कोई नहीं हुई। तब कहा गया था कि प्रदेश सरकार वृंदावन से लेकर मथुरा तक समानांतर नाला बनाकर यमुना का प्रदूषण दूर कराएगी। इस मामले में ¨सचाई विभाग ने कुछ योजना भी बनाई और पत्राचार भी हुआ, लेकिन धरातल पर योजना नहीं उतर सकी।
इसी तरह ¨सचाई मंत्री रहते हुए शिवपाल यादव ने वृंदावन आकर ¨हडन कट के जरिए मथुरा को रोजाना पांच सौ क्यूसिक गंगाजल मिलने की योजना का शुभारंभ किया। तब उन्होंने पत्रकार वार्ता कर दावा किया था कि वह ¨हडन कट से गंगाजल का डिस्चार्ज कराकर आए हैं। पहले कुछ दिन तक तीन सौ क्यूसिक गंगा जल मिलेगा और बाद में इसकी मात्रा बढ़कर पांच सौ क्यूसिक हो जाएगी। योजना शुभारंभ होने के करीब एक माह बाद यमुना कार्ययोजना के याची गोपेश्वर नाथ चतुर्वेदी ने मथुरा से लेकर गाजियाबाद तक यमुना का निरीक्षण किया और मांट से आगे हरनौल एस्केप की वास्तविकता भी देखी, लेकिन कहीं भी गंगा जल का डिस्चार्ज नहीं पाया गया।
अब इस घोषणा को करीब दो साल हो आए हैं, लेकिन गंगा जल नहीं मिला है और यमुना की स्थिति बदतर बनी हई है।
अब माना जा रहा है कि यह सरकार भले ही चुनाव तक बनी रहे, लेकिन यमुना प्रदूषण दूर करने के मामले में दोनों योजनाओं के शुरू होने की कोई उम्मीद नहीं है। गोपेश्वर नाथ कहते हैं कि अखिलेश सरकार ने यमुना प्रदूषण पर केवल कागजी घोषणाएं की। इससे ब्रजवासी काफी आहत हैं।