गुंडों की निगरानी न करने से बवाल
जागरण संवाददाता, मथुरा: पुलिस गुंडों की निगरानी नहीं कर रही। रविवार सुबह दरेसी मार्ग स्थित मुहल्ला क
जागरण संवाददाता, मथुरा: पुलिस गुंडों की निगरानी नहीं कर रही। रविवार सुबह दरेसी मार्ग स्थित मुहल्ला कट्टीखाना में हुए बवाल में चार शातिरों के खिलाफ थाना गो¨वदनगर पुलिस ने चार सितंबर को ही गुंडा एक्ट की कार्रवाई की थी, लेकिन इनकी निगरानी नहीं हो रही थी। इधर, बवाल के बाद मुहल्ले के लोग इन पर गोकशी और अवैध धंधे करने के आरोप भी लगा रहे हैं।
थाना गो¨वदनगर पुलिस ने सितंबर के पहले सप्ताह में इमरान, शाहीद, चांद, और एजाज के खिलाफ गुंडा एक्ट में कार्रवाई कर निगरानी का उपाय नहीं किया। इसे लेकर लोग पुलिस पर सवाल उठा रहे हैं।
दोपहर में कोतवाल संजय कुमार जायसवाल मुहल्ले में आरोपियों के यहां के दबिश देने गए थे, पर उससे पहले ही आरोपी भाग गए। केवल महिला और बच्चे ही घरों में रह गए थे। साबिद और तौफीक के मकान तंग गली में हैं। बवाल के बाद गली के महिला और बच्चे डरे हुए थे। खौफ उनके चेहरे पर साफ नजर आ रहा था। बच्चे दरवाजों पर बैठे हुए थे, जबकि महिलाएं घरों में अंदर थीं। कुछ महिलाओं का कहना था कि उनका इस झगड़े से कोई मतलब नहीं था, लेकिन उनको भी न जाने क्यों निशाना बनाया गया? उनका कहना था कि झगड़ा कर रहे लोग एक-दूसरे पर गोकशी करने का आरोप लगा रहे थे। इन पर जानवरों की खाल के अवैध धंधे के साथ-साथ सट्टे का धंधा चलाने का भी आरोप है।
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पीड़िताओं ने लगाया कपड़े फाड़ने का आरोप
रविवार सुबह बवाल की पीड़ित महिलाओं ने उपद्रवियों पर उनके कपड़े फाड़ने का गंभीर आरोप लगाया है। कट्टीखाना बाड़ा निवासी महिला किस्मत और एजाज का आरोप है कि साबिद से उनका कोई झगड़ा नहीं था और लड़ाई भी तौफीक उर्फ मोटा के परिवार से चल रही थी। झगड़ा होने पर साबिद और उसके साथ के लोगों ने उनके घरों में घुसकर मारपीट की, सामान फेंक दिया और आग लगा दी। साबिद पक्ष पर उन्होंने महिलाओं के कपड़े फाड़ने का भी आरोप लगाया। किस्मत, एजाज और वकील के चोटें आई हैं। तौफीक के परिवार की महिला रूफीदा ने बताया कि उनका साबिद से कोई झगड़ा नहीं था। मकान का विवाद शनिवार को ही शांत हो गया था। रविवार सुबह एक बालक गली में शौच कर आया था। इसी बात को लेकर साबिद ने अपने लोगों को बुलाकर उनके परिवार वालों पर हमला कराया।
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क्या है मकान का विवाद
विवाद के मूल में बताया जाता है कि तौफीक के चाचा जाहिर करीब तीन दशक पहले पाकिस्तान जाकर बस गए। क्षेत्रीय लोगों के अनुसार, जाहिर ने अपना मकान खलील को बेच दिया। खलील से साबिद ने मकान खरीदा, जो तौफीक को नागवार गुजर रहा था। तौफीक ने मकान को लेने के लिए खलील के खिलाफ अदालत में वाद दायर किया, पर अदालत ने पिछले महीने खारिज दिया था।
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