विजयादशमी से संघ में नया गणवेश
जागरण संवाददाता, मथुरा: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता विजयादशमी पर बड़े बदलाव के साथ दिखाई दे
जागरण संवाददाता, मथुरा: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता विजयादशमी पर बड़े बदलाव के साथ दिखाई देंगे। वह इस दिन परंपरागत खाकी नेकर को छोड़ कत्थई रंग की पैंट में होंगे। संघ की स्थापना के 91 साल बाद पहली बार गणवेश में यह बदलाव किया जा रहा है। मथुरा और आसपास के 12 जिलों की गणवेश का काम दीनदयाल धाम में चल रहा है।
जिले के दीनदयाल धाम में स्व रोजगार के कार्यक्रम चलते हैं। इसमें सिलाई केंद्र भी हैं। यहां संघ की गणवेश के खाकी नेकर और सफेद शर्ट तैयार होती रही हैं। पिछले दिनों संघ ने नेकर की जगह कत्थई रंग की पैंट को गणवेश में लेने का फैसला किया था, जिस पर विजयादशमी से अमल होगा। ऐसे में यहां नया गणवेश तैयार करने का काम पिछले 10 दिन से चल रहा है। तेरह जिलों के स्वयंसेवकों के लिए अब तक 500 पैंट तैयार हो चुकी हैं।
केंद्र के प्रशिक्षक राधेश्याम जी के अनुसार संघ के पैंट तैयार करने के लिए कारीगरों को दस दिन का प्रशिक्षण दिया था। यह काम अभी जारी रहेगा। गणवेश के लिए पांच हजार मीटर कपड़ा राजस्थान के भीलवाड़ा से मंगाया है। दशहरे से पूर्व वह दो हजार पैंट तैयार कर देंगे। पैंट तैयार करने को दीनदयाल धाम के अलावा नगला जौहरी, फरह, बरारी के कारीगर लगे हुए हैं। पैंट तैयार कर रहे फरह के भगतजी का कहना है कि वह एक दिन में पांच पैंट तैयार करते हैं। पैरों के बजाय बिजली की मशीन से काम करने की वजह से जल्दी हो रही है।
दीनदयाल धाम स्मारक समिति के उपाध्यक्ष डॉ. रोशनलाल ने बताया, डार्क ब्राउन रंग की पैंट यहां 32 इंच और 34 इंच के साइज में तैयार की जा रही हैं। कपड़े और सिलाई आदि मिलाकर पैंट की लागत करीब 240 रुपये आ रही है। इससे बड़े साइज पर दस रुपये ज्यादा खर्च करने होंगे। उनका कहना है कि इतने कम समय में तेरह जिलों के कार्यकर्ताओं को पैंट सिलकर देना किसी चुनौती से कम नही हैं, लेकिन प्रशिक्षण केंद्र के कारीगर संकल्प को पूरा करने में जुटे हुए हैं। ब्रज प्रांत में संघ दष्टि से अलीगढ़, फीरोजाबाद, मथुरा और आगरा जैसे जिले आते हैं।
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