पेयजल और सीवर लाइनों को मांगे 800 करोड़
जागरण संवाददाता, मथुरा: सब कुछ ठीक रहा और मथुरा नगर पालिका परिषद ने जेनर्म में जल निगम की तरह विस्तृ
जागरण संवाददाता, मथुरा: सब कुछ ठीक रहा और मथुरा नगर पालिका परिषद ने जेनर्म में जल निगम की तरह विस्तृत परियोजना रिपोर्ट बनाने में देरी नहीं की तो केंद्र सरकार मथुरा नगर के हर घर को पेयजल और सीवरेज कनेक्शन देने के लिए मोटी धनराशि जारी कर सकती है। अमृत योजना में पालिका ने सीवरेज-ड्रेनेज-वाटर पाइप लाइन के लिए आठ सौ करोड़ का प्रस्ताव भेजा है। योजना के तहत पालिका अधिकारियों का तीन दिवसीय प्रशिक्षण सोमवार से लखनऊ में शुरू होगा।
केंद्र सरकार प्रदेश के 22 शहरों समेत मथुरा में अमृत योजना के अंतर्गत अवस्थापना सुविधाओं की क्षमता संवर्धन करने वाली है। अटल मिशन फार रिज्यूवेशन एंड अरबन ट्रांसफॉरमेशन (अमृत) परियोजना में मथुरा नगर में सीवेज और पेयजल पाइप लाइन बिछाया जाना प्रस्तावित है। जेनर्म योजना में सीवर लाइन केवल एक जोन में बिछ सकी थी, जिस पर साठ करोड़ की लागत आई थी, जबकि पेयजल पाइप लाइनें अंदरूनी नगर में नब्बे साल पुरानी हैं तो बाहरी नगर क्षेत्र में पाइप लाइनें ही नहीं हैं।
जेनर्म में शहर के अंदर सीवरेज लाइन डाल दी जाती, लेकिन जल निगम ने शेष जोन की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट काफी विलंब से भेजी और पेयजल की डीपीआर तो दिसंबर 2013 में तब भेजी, जब जेनर्म परियोजना केंद्र सरकार ने वापस ले ली थी। अब अमृत योजना में क्षमता संवर्धन की उम्मीद बंधी है। केंद्र सरकार ने उप्र सरकार के जरिए प्रोजेक्ट मांगा था, जिसके सापेक्ष मथुरा नगर पालिका परिषद ने आठ सौ करोड़ की मांग की है। केंद्र ने इसकी विस्तृत परियोजना रिपोर्ट बनाने को भी कह दिया है।
इस बीच प्रदेश के 22 शहरों की पालिकाओं के इंजीनियर्स का प्रशिक्षण कार्यक्रम सोमवार से लखनऊ में शुरू हो रहा है। इस संबंध में शहरी विकास मंत्रालय ने अमृत योजना की नोडल एजेंसी क्षेत्रीय नगर एवं पर्यावरण अध्ययन केंद्र, लखनऊ को बनाया है। इसके अपर निदेशक एके गुप्ता ने मथुरा नगर पालिका के इंजीनियर्स को भी बुलाया है। पालिका की ओर से जेई सिविल राजपाल यादव एवं जेई जलकल केआर ¨सह सोमवार से लखनऊ विवि सभागार में होने वाले प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लेंगे।
इनसेट
संवरेंगे पार्क
मथुरा: अमृत योजना में नगर के पार्कों को संवारने के लिए भी पैसा मिलने वाला है। शासन ने भगत ¨सह पार्क के सुंदरीकरण के लिए चार करोड़ की धनराशि आवंटित की है और अन्य पांच पार्कों की डीपीआर भी मांग ली है। यह जानकारी ईओ ब्रजेश कुमार ने दी है।