क्या आप अस्पताल में नहीं रहते
जागरण संवाददाता, मथुरा: समय दोपहर साढ़े बारह बजे, जिला अस्पताल में मरीजों की भीड़ लगी थी। अचानक सायरन
जागरण संवाददाता, मथुरा: समय दोपहर साढ़े बारह बजे, जिला अस्पताल में मरीजों की भीड़ लगी थी। अचानक सायरन बजाती चार गाड़ियां प्रवेश करती हैं। अस्पताल में ऐसे सायरन बजने से किसी का ध्यान नही जाता। गाड़ी से उतरे अफसर दवा वितरण केंद्र पर मौजूद मरीजों से मिल रही दवाओं की जानकारी लेते हैं। इसके बाद डीएम के छापे की खबर फैलते ही डॉक्टर, नर्स एप्रिन पहनकर तैयार हो जाते हैं।
डीएम निखिल चन्द्र शुक्ला दोपहर को मुख्य विकास अधिकारी मनीष कुमार वर्मा, नगर मजिस्ट्रेट रामअरज यादव के साथ जिला अस्पताल पहुंचे। दवा वितरण पर मरीजों से हाल पूछा, पांच मिनट तक यहां खड़े होकर अफसरों ने मिल रही दवाओं की जानकारी लेकर पर्चे भी देखे। डीएम ने मरीजों से बाजार से दवा लिखने की बात पूछी, तो मरीजों से इन्कार कर दिया। इसके बाद अफसरों ने पास के कमरे में काम की जानकारी ली। होम्योपैथिक कक्ष में मरीजों से हाल जाना, तो दवा स्टोर की जानकारी ली। इसी दौरान हाजिरी रजिस्टर लाने के आदेश हो गए।
डीएम के आने की जानकारी मिलते ही डॉ. मुकुन्द बंसल और डॉ. अमिताभ पांडेय भी आ गए। डॉक्टरों की जानकारी मांगने पर बताया, डॉ. राजकुमार वर्मा प्रमुख सचिव से मिलने लखनऊ गए हैं, तो रवी माहेश्वरी ने पोस्टमार्टम ड्यूटी दी है। डीएम ने कहा कि पीएम ड्यूटी के बाद डॉक्टर अस्पताल नहीं आएंगे। तब तक सीएमएस डॉ. केपी गर्ग भी आ गए। इस पर डीएम उनसे मुखातिब हो गए। आप अस्पताल में नहीं रहते, क्या हाल है, देखा है। इस पर उन्होंने अपनी पीड़ा बताई। यहां से अफसर एक कक्ष में लगी भीड़ देखकर पहुंचे, तो मरीजों से हाल पूछा। बाजार से दवाएं लिखने की पूछने पर बताया कि खांसी के सीरप लिखे जा रहे है। क्यों के सवाल पर बताया, दो साल से नहीं सीरप नहीं आए हैं। इसी दौरान एसएसपी बबलू कुमार भी आ गए, तो सभी अफसर इमरजेंसी पहुंचे और मरीजों से दवाओं की जानकारी ली।
बीस कर्मचारी और गंदगी
मथुरा: जिला अस्पताल में बीस सफाई कर्मी हैं, फिर भी गंदगी है। सभी की शिफ्टवार ड्यूटी लगाइए। आगे से गंदगी नहीं मिले। वाहनों को इधर-उधर देखकर डीएम ने सीएमएस से कहा, सभी को एक स्थान पर खड़ा करवाने का इंतजाम करें।
कटेगा एक दिन का वेतन
मथुरा: डीएम ने बताया, अस्पताल में गैर हाजिर मिले डॉक्टर और अन्य स्टाफ का एक दिन का वेतन काटा जाएगा। यह कार्रवाई बराबर चलती रहेगी।
गंदगी ने कर दी बर्न वार्ड की चुगली
मथुरा: डीएम के जाने के बाद सीडीओ मनीष कुमार वर्मा ने सिटी मजिस्ट्रेट रामअरज यादव के साथ इमरजेंसी का निरीक्षण कर मरीजों से इलाज के बारे में जानकारी ली। बर्न वार्ड के पूछने पर वहां लगा ताला खुल गया। सीडीओ को बताया गया कि यहां कोई मरीज नहीं आता, पर वार्ड रोज खुलता है, लेकिन वार्ड में महीनों से नहीं हुई सफाई ने इस दावे की पोल खोल दी। सीडीओ ने परिसर में बिना टोटी बह रहे पानी की बर्बादी रोकने के निर्देश दिए।
सबसे बड़ा अस्पताल बना पीएचसी
वृंदावन: डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ की कमी से जिले के सबसे बड़े सरकारी सौ शैय्या अस्पताल की हालत प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जैसी हो गई है। अस्पताल प्रशासन की लिखा-पढ़ी के बाद भी हालात नहीं बदल सके हैं। इस स्थिति में भी अस्पताल को एनएबीएच प्रमाण पत्र दे दिया गया है। यहां न मैन पावर है, न पैथालोजिस्ट और न रेडियोलॉजिस्ट। महिला अस्पताल के रेडियोलॉजिस्ट की डयूटी सप्ताह में तीन दिन सौ शैय्या अस्पताल में लगाई गई थी, लेकिन उनके एटा तबादला हो जाने से यह व्यवस्था भी भंग हो गई। बीते दिसंबर से अस्पताल को स्थाई सीएमएस नहीं मिल पाया है। फिजीशियन डॉ. एसके मजूमदार इस पद का दायित्व संभाल रहे हैं। इसी तरह कार्डियोलॉजिस्ट, आर्थोपेडिक सर्जन और त्वचा रोग विशेषज्ञ भी नहीं हैं। फार्मेसिस्ट के पद खाली हैं। हर महीने दस-पंद्रह रोगियों को इलाज के लिए रेफर किया जा रहा है। गंभीर रोगियों को प्राथमिक इलाज ही मिल पाता है। सावन और भादों के महीने में यहां मंदिरों के दर्शन के लिए पूरी दुनिया से लाखों लोग आएंगे। इस दौरान बड़ा हादसा होने पर अस्पताल में इलाज करना मुश्किल हो जाएगा। दो माह पहले यहां आए मुख्यमंत्री के सलाहकार को भी पूरी जानकारी दी गई, लेकिन हालात जस के तस हैं।