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स्कूल मत आओ, प्रथम श्रेणी के अंक पाओ

जागरण संवाददाता, मथुरा: स्कूल मत आओ और प्रथम श्रेणी के अंक पाओ। शिक्षा की यही हकीकत है। बोर्ड से मान

By Edited By: Published: Sun, 24 Jul 2016 12:40 AM (IST)Updated: Sun, 24 Jul 2016 12:40 AM (IST)
स्कूल मत आओ, प्रथम श्रेणी के अंक पाओ

जागरण संवाददाता, मथुरा: स्कूल मत आओ और प्रथम श्रेणी के अंक पाओ। शिक्षा की यही हकीकत है। बोर्ड से मान्यता हासिल कर स्कूल संचालक लखपति बन गए। को¨चग सेंटर के गठबंधन से नकल के कारोबार में सालाना पचास करोड़ की कमाई स्कूल मालिक कर रहे हैं।

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माध्यमिक शिक्षा परिषद से हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की मान्यता प्राप्त करके मालिकों ने स्कूलों में पढ़ाई बंदकर उन्हें नकल के केंद्र बना दिए हैं। पिछले करीब पांच साल से जिलेभर में 72 माध्यमिक विद्यालय तो नकल कारोबार में फंसकर बोर्ड ने काली सूची में डाल दिए थे। प्रवेश से लेकर अंक तालिका देने तक वसूली की जा रही है। प्रवेश के समय ही प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण कराने का ठेका नकल के ठेकेदार ले रहे हैं। हाईस्कूल में प्रवेश पर पांच हजार रुपये, जबकि इंटरमीडिएट में छह से सात हजार रुपये लिए जा रहे हैं। इतनी ही रकम बोर्ड परीक्षा में नकल कराने के नाम पर वसूल की जा रही है।

एक विषय की प्रयोगात्मक परीक्षा में 25 से 30 अंक को हाईस्कूल में तीन सौ और इंटरमीडिएट में पांच सौ रुपये लिए जाते हैं। उत्तर पुस्तिका बदलने के लिए एक हजार रुपये प्रति उत्तर पुस्तिका लिए जाते हैं। इतनी रकम देने के बाद छात्र बोर्ड में 70 से 80 फीसदी तक अंक हासिल करने में अब तक सफल रहे हैं। बोर्ड के परीक्षा परिणाम से यह साबित भी हो रहा है।

नहीं बोलते अभिभावक

नकल का खेल कस्बा और देहात क्षेत्र के स्कूलों में खुलेआम होता है। शहरी स्कूलों के गिरते परीक्षा परिणाम से इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। अभिभावक भी अपने पुत्र-पुत्रियों को नकल के लिए कुख्यात हो चुके स्कूलों में प्रवेश दिला रहे हैं। उन्हें पढ़ाई-लिखाई से कोई मतलब नहीं है। बस, उन्हें अंक चाहिए। इसलिए वह विरोध नहीं करते हैं।

को¨चग सेंटर भी मालामाल

कॉम्पटीशन की तैयारी कराने के साथ ही हाईस्कूल और इंटरमीडिएट उत्तीर्ण कराने का ठेका को¨चग सेंटर भी ले रहे हैं। बोर्ड परीक्षा दिलाने के लिए इनके संचालकों ने मान्यता प्राप्त स्कूलों से गठबंधन कर रखा है। प्रथम श्रेणी अंक की गारंटी दी जा रही है। आइआइटी, एमबीबीएस, एमबीए, बैंक की परीक्षा की तैयारी छात्र-छात्राओं को हाईस्कूल से ही को¨चग सेंटर संचालक कर रहे हैं। ये छात्र कभी स्कूल नहीं जाते हैं।

समस्या कोसी में, छापे नंदगांव व बरसाना में

कोसीकलां: क्षेत्र के सरकारी शिक्षकों की मनमानी की जांच के लिए बीएसए द्वारा भेजे गए खंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) कोसी ने कोसी की बजाए नंदगांव और बरसाना के स्कूलों में छापे मारे। यहां करीब दस शिक्षक गायब मिले। वे रेलवे स्टेशन पर जांच के लिए नहीं गए, जबकि तीसरे दिन भी यहां शिक्षकों का समय से पूर्व ट्रेनों से चले जाने का क्रम जारी रहा।

सरकारी विद्यालयों में हरियाणा एवं दिल्ली से आने वाले शिक्षकों की जांच एवं कार्रवाई के लिए बीएसए ने बीईओ कोसी संजय ¨सह को निर्देश दिए थे। लेकिन उन्होंने कोसी क्षेत्र की बजाए नंदगांव और बरसाना में छापे मारे। वहां उन्होंने दस शिक्षकों के विद्यालय से गायब होने एवं उनके खिलाफ कार्रवाई की जानकारी दी। हालांकि शनिवार को बीएसए के निर्देशानुसार उन्हें रेलवे स्टेशन पर लापरवाह शिक्षकों की जांच करनी थी। वे कोसी आए भी, लेकिन वे स्टेशन पर जांच को न पहुंच, एनपीआरसी को ऐसे शिक्षकों की निगरानी की जिम्मेदारी देकर चले गए। जबकि तीसरे दिन भी छुट्टी के समय से पूर्व स्टेशन पर पहुंचने वाले शिक्षकों की मनमानी जारी रही।

आपस में बतियाती मिली शिक्षिकाएं

बीईओ संजय ¨सह मुहल्ला तांगड़ा के प्राथमिक विद्यालय भी पहुंचे। यहां से इमारत के खराब होने की शिकायत मिली थी। वहां उन्हें प्रधानाध्यापिका शैलेश शर्मा, ममता एवं विशेष अध्यापक सुषमा बच्चों को पढ़ाने की बजाए बाहरी लोगों के साथ बैठकर आपस में बात करती मिलीं। इस पर उन्होंने उन्हें फटकार लगाई और सुधार के निर्देश दिए।


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