Move to Jagran APP

सर, यहां थी कथित सत्याग्रहियों की जेल

जागरण संवाददाता, मथुरा: सर, उन लोगों ने यहां गेट बनाकर झोपड़ी डाल रखी थी। यहां धान और आटा पीसने की चक

By Edited By: Published: Sun, 26 Jun 2016 12:20 AM (IST)Updated: Sun, 26 Jun 2016 12:20 AM (IST)
सर, यहां थी कथित सत्याग्रहियों की जेल

जागरण संवाददाता, मथुरा: सर, उन लोगों ने यहां गेट बनाकर झोपड़ी डाल रखी थी। यहां धान और आटा पीसने की चक्की लगी थी। इन गाडि़यों से रसद आती थी। इस ठिकाने पर रामवृक्ष रहता था। इस चहारदीवारी को यहां से तोड़ा गया था, जिसके बाद उन लोगों ने हमला करते हुए फाय¨रग की थी।

loksabha election banner

कुछ ऐसा ही चित्रण दो जून को जवाहर बाग में हुए घटनाक्रम को लेकर प्रशासन और पुलिस के अफसर खींच रहे थे। मौका था जांच आयोग के अध्यक्ष मिर्जा इम्तियाज मुर्तजा अली के जवाहर बाग भ्रमण का। शनिवार शाम करीब चार बजे के बाद कथित सत्याग्रहियों से मुक्त कराए गए बाग का मौका मुआयना करने पहुंचे आयोग के अध्यक्ष तहसील से सटे रास्ते पर ही गाड़ी से उतर गए। इस दौरान उनको एसडीएम राजेश कुमार ने बताया कि सर उन लोगों ने यहां गेट बना रखा था। यह सामान भी वह गेट बनाने को लाए थे, एक झोंपड़ी भी उन्होंने यहां डाल रखी थी। इसके बाद काफिला जवाहर बाग के गेट पर पहुंच गया। गेट के बाईं ओर खाक हो चुके वाहनों को दिखाते हुए नगर मजिस्ट्रेट रामअरज यादव ने बताया कि सर इन वाहनों का प्रयोग कथित सत्याग्रही सामान और रसद ढोने के लिए करते थे।

यहां से तबाही का मंजर देख आगे बढ़े आयोग अध्यक्ष को जले हुए पेड़ दिखाए गए। उनको बताया गया कि कथित सत्यग्रहियों द्वारा अपनी झोपड़ियों में आग लगाने से यह पेड़ बर्बाद हो गए। कितने पेड़ खराब हुए होंगे, के सवाल पर जिला उद्यान अधिकारी मुकेश कुमार ने करीब 3500 छोटे-बडे़ पेड़ नष्ट होने की जानकारी दी। यह भी बताया गया कि कथित सत्याग्रही इनको काटकर खाना बनाने के लिए जलाते थे।

इस मंजर को निहारने के बाद श्री मिर्जा चंद कदम आगे बढ़े, तभी एसपी ग्रामीण अरुण कुमार ने रोकने के अंदाज में कहा कि सर उधर देखिए। वहां आजाद ¨हद फौज की जेल थी। उनको जेल के नाम पर किए जाने वालों कृत्यों की जानकारी दी गई। बाग में पेड़ के नीचे जली हालत में खड़ी चक्की की बारे में भी उनको बताया गया कि इनमें धान और गेहूं पीसे जाते थे।

यहां से आयोग अध्यक्ष जवाहर बाग की चहारदवारी के पास पहुंचे, जहां कथित सत्याग्रहियों ने एसपी सिटी मुकुल द्विवेदी और फरह एसओ संतोष यादव की हत्या की थी। यहां एसपी ग्रामीण अरुण कुमार, एसडीएम राजेश कुमार और नगर मजिस्ट्रेट ने दो जून की स्याह शाम का वाकया सुनाया। अफसरों ने श्री मिर्जा को तत्कालीन जिलाधिकारी राजेश कुमार, एसएसपी डॉ. राकेश ¨सह और अन्य के मौजूद रहने के स्थान भी बताए गए। आयोग अध्यक्ष के साथ जांच आयोग के सचिव सेवानिवृत जिला जज पीके गोयल, जिलाधिकारी निखिल चन्द्र शुक्ला, एसएसपी बबलू कुमार, एडीएम प्रशासन अजय कुमार अवस्थी, एडीएम वित्त रविन्द्र कुमार, एसपी सिटी आलोक प्रियदर्शी, सीओ सिटी चक्रपाणि त्रिपाठी, विप्रा सचिव विजय कुमार भी मौजूद रहे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.