प्रधान और सदस्यों के हस्ताक्षर से निकाला राशन
कोसीकलां (मथुरा) : सरकारी गल्ला वितरण करने वाले अक्सर वितरण में गड़बड़झाला के लिए बदनाम होते हैं, लेकि
कोसीकलां (मथुरा) : सरकारी गल्ला वितरण करने वाले अक्सर वितरण में गड़बड़झाला के लिए बदनाम होते हैं, लेकिन गांव कामर का मामला इससे भी कहीं अधिक गंभीर है। कोटेदार पूर्व प्रधान एवं सदस्यों के फर्जी हस्ताक्षर कर महीनों से राशन आवंटन कराता रहा। यही नहीं कार्यकाल समाप्त होने के बावजूद पूर्व प्रधान के कई बार हस्ताक्षरों का प्रयोग किया गया है। इस खुलासे के बाद वर्तमान एवं पूर्व प्रधान ने तहसील दिवस में शिकायत कर मामले की जांच कर आरोपी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की है।
दरअसल, गांवों में सरकारी राशन वितरण लाने के लिए ग्राम प्रधान एवं निर्धारित समिति के सदस्यों के हस्ताक्षर होने जरूरी होते हैं। उसी के आधार पर कोटेदार को आपूर्ति विभाग से राशन एवं तेल आदि मिल पाता है। आरोप है कि पिछले करीब नौ सालों से कोटे का जिम्मा संभाल रही कोटा धारक कमलादेवी ने प्रधानी के चुनाव के बाद बड़ा फर्जीवाड़ा कर राशन लिया। ग्राम प्रधान चंदादेवी ने आरोप लगाया कि कोटा धारक कमलादेवी ने उसके कार्यकाल में पूर्व प्रधान रज्जोदेवी के फर्जी हस्ताक्षर एवं मोहर लगाकर कई माह के राशन का आवंटन करा लिया। कई माह बाद भी जब कोटेदार ने ग्राम प्रधान को राशन के संबंध में हस्ताक्षर नहीं कराए, तो प्रधान चंदादेवी ने राशन से संबंधित कागजातों की जांच की। जिसमें फर्जीवाड़े का खुलासा हो गया। जिसमें पूर्व प्रधान रज्जो देवी एवं समिति के फर्जी हस्ताक्षर किए हुए हैं। पूर्व प्रधान रज्जो देवी को मामले के बारे में पता चला तो उन्होंने इस बावत शपथ पत्र देकर इसे फर्जीवाड़ा बताया, साथ ही वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को अरोपी कोटा धारक कमलादेवी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराए जाने की मांग की है।
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-मेरा कार्यकाल पिछले वर्ष 12 दिसंबर को समाप्त हो गया। मैंने राशन के लिए कोई हस्ताक्षर नहीं किए, सब फर्जीवाड़ा है।
रज्जो देवी, पूर्व प्रधान गांव कामर।
- ग्रामीणों के हक पर डाका डाला जा रहा है। मुझे और समिति के बिना जानकारी के राशन लिया जा रहा है। इसकी शिकायत की है।
चंदादेवी, प्रधान गांव कामर।