ग्रामीणों से मुठभेड़ में मारा गया गो तस्कर
मथुरा: गोवंश चुराने वाले तस्करों की घेराबंदी के दौरान ग्रामीणों ने डटकर मुकाबला किया। संकेत गांव और
मथुरा: गोवंश चुराने वाले तस्करों की घेराबंदी के दौरान ग्रामीणों ने डटकर मुकाबला किया। संकेत गांव और गाजीपुर के बीच जंगल में एक घंटे तक चली मुठभेड़ में एक तस्कर मारा गया, जबकि दूसरा घायल हो गया। फाय¨रग करते हुए उसके साथ घायल को लेकर भागने में कामयाब रहे। मुठभेड़ की सूचना पर पहुंची पुलिस फरार गो तस्करों की तलाश में जुटी रही।
शुक्रवार मध्य रात्रि करीब एक बजे नंदगांव-बरसाना रोड पर स्थित संकेत गांव में एक टाटा 407 के बार-बार चक्कर लगाने को लेकर कुछ ग्रामीणों को शक हुआ। गो तस्करों की भनक लगते ही ग्रामीणों ने पीछा शुरू कर दिया। इसी बीच संकेत व गाजीपुर के मध्य जंगल में करीब एक दर्जन गो-तस्कर चार गायों को लेकर आते दिखे। ग्रामीणों के टोकने पर तस्करों ने फाय¨रग शुरू कर दी। ग्रामीणों ने गांव में फोन कर साथियों को बुला लिया। इसके बाद दोनों पक्षों के बीच एक घंटे तक फाय¨रग हुई, जिसमें दो गो-तस्करों घायल होकर गिर गए। फाय¨रग करते हुए तस्कर एक साथी को मरा समझ दूसरे घायल को लेकर भाग निकले। सूचना पर पहुंची पुलिस ने घायल को जिला अस्पताल भेजा, मगर रास्ते में उसकी मौत हो गई। तलाशी में उसके बाद मोबाइल, तमंचा व कारतूस बरामद हुए। मोबाइल के आधार पर उसकी शिनाख्त भरतपुर के थाना कामां के गांव लेवड़ा निवासी साहबुद्दीन के रूप में की गई। इधर, गो-तस्करों से मुक्त कराई तीन गायों को माताजी गो-शाला के सुपुर्द कर दिया गया।
शनिवार को शाम पांच बजे एसएसपी डॉ. राकेश ¨सह, एसपी देहात अरुण कुमार व सीओ छाता पीयूष कुमार घटना स्थल पर निरीक्षण करने पहुंचे। इस दौरान एसएसपी ने थाना प्रभारी को गो तस्करों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए। मुठभेड़ की रिपोर्ट गाजीपुर निवासी चौकीदार हंसा की ओर से दर्ज कराई गई है।
..तो पिता भी था साथ में
पुत्र के शव को लेने के लिए पोस्टमार्टम हाउस पर पिता के न आने से कई तरह की चर्चाएं जोर पकड़ गई। सूत्रों का कहना है कि वारदात में पिता इब्राहिम में शामिल है। पुलिस को इसकी भनक लग चुकी थी, इसलिए सहाबुददीन के शव को लेने के लिए पिता इब्राहिम नहीं आया। एसआइ बलवीर ¨सह ने बताया कि ऐसा सुनने में आया है, लेकिन अभी मामले की जांच की जा रही है।
आए दिन होती है फाय¨रग
बरसाना: गो-तस्करों से क्षेत्र के ग्रामीणों की आए दिन मुठभेड़ होती रहती है। गो-तस्करों से गायों को मुक्त कराने के ग्रामीण खेतों में रहकर निगरानी करते हैं और समय-समय पर मुकाबला भी करते रहते हैं। बरसाना क्षेत्र से बड़े पैमाने पर गायों को गोकशी के लिए राजस्थान के मेवात इलाके के लिए पहाड़ी रास्ते या खेतों की पगडंडियों से होकर ले जाते थे। इसकी सूचना पर ग्रामीण टोली बनाकर गो-तस्करों से कई बार टकरा चुके हैं और फाय¨रग कर गायों को मुक्त भी कराया है। इधर, एक माह से पशु तस्कर राया क्षेत्र में आतंक मचाए हुए हैं। एक पखवाड़े पहले पशु तस्करों ने पुलिस की जीप में टक्कर मार दी थी। पुलिस ने पीछा किया, तो वह फाय¨रग कर भाग गए। इनसे पुलिस और ग्रामीण दोनों ही भयभीत रहते हैं। ये पशु तस्कर हर समय हमलावर नजर आते हैं।
आसपास के गांव में ठहरते
बरसाना: गो-तस्कर गोवर्धन के गांव मड़ोरा और अन्य गांवों में दिन में आ जाते हैं और अपने सगे संबंधियों के यहां ठहरते हैं। रात को फिर निकलते हैं और गाय चोरी करते हैं।
तो ग्रामीण कर रहे हैं पुलिस का काम
मथुरा: नौ मई को राया के नीमगांव में ग्रामीणों ने दो लुटेरों को पीट-पीटकर मार डाला था, जबकि एक लुटेरा फरार हो गया था। पुलिस घटनास्थल पर बाद में पहुंची थी। ऐसा ही बरसाना क्षेत्र में देखने को मिला। गो-तस्करों और ग्रामीणों में शुक्रवार देर रात को टकराव हुआ। फाय¨रग के दौरान दो गो-तस्कर घायल हुए, एक गो-तस्कर की मौत हो गई। यहां भी पुलिस बाद में पहुंची। इन दो घटनाओं को देखकर खुद अफसर यह कहने से नहीं चूक रहे कि पुलिस का काम ग्रामीण कर रहे हैं।