श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का भावपूर्ण वर्णन
मथुरा (वृंदावन): परिक्रमा मार्ग स्थित प्राचीन जगन्नाथ मंदिर में श्रीमद् भागवत कथा में प्रवचन करते हु
मथुरा (वृंदावन): परिक्रमा मार्ग स्थित प्राचीन जगन्नाथ मंदिर में श्रीमद् भागवत कथा में प्रवचन करते हुए भगवताचार्य देव मुरारी बापू ने भगवान श्रीकृष्ण की अनेक बाल लीलाओं का वर्णन किया। कहा कि श्रीकृष्ण ने गोचारण लीला कर मानव को गोवंश का महत्व समझाया और यह साबित किया कि गाय लक्ष्मी जी की प्रतिमूर्ति हैं। जिस घर में गाय की पूजा होती है, वहां सदैव लक्ष्मीजी का वास होता है।
गाय की सेवा-पूजा करने से देवता प्रसन्न होते हैं। हरेक मानव को गाय रक्षा का संकल्प लेना चाहिए। श्री बापू ने कहा कि कालिय नाग यमुनाजी को विषैला बना रहा था, इसलिए श्रीकृष्ण ने उसका वध किया। वर्तमान में भी यमुनाजी लगातार प्रदूषित हो रही हैं। यह कृत्य करने वालों को भगवान श्रीकृष्ण जरूर दंडित करेंगे। चीर हरण लीला का वर्णन करते हुए कहा कि भगवान ने इस लीला के जरिए यह संदेश दिया कि मनुष्य को कभी भी न तो निर्वस्त्र स्नान करना चाहिए और न ही सोना चाहिए।
इस मौके पर विधायक प्रदीप माथुर और एसपी रेलवे आगरा मंडल गोपेशनाथ खन्ना ने श्रीमद् भागवतजी की आरती उतारी। मुख्य अतिथि मलूक पीठाधीश्वर राजेंद्र दास महाराज थे।