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भूतेश्वर से कृष्णानगर तक फुटपाथ गायब

जागरण संवाददाता, मथुरा: सड़कों पर फुटपाथों का नामोनिशान नहीं है। शहर की सभी सड़कों पर बिना फुटपाथ के

By Edited By: Published: Sun, 02 Aug 2015 11:41 PM (IST)Updated: Sun, 02 Aug 2015 11:41 PM (IST)
भूतेश्वर से कृष्णानगर तक फुटपाथ गायब

जागरण संवाददाता, मथुरा: सड़कों पर फुटपाथों का नामोनिशान नहीं है। शहर की सभी सड़कों पर बिना फुटपाथ के पैदल राहगीरों का निकलना मुश्किल होता जा रहा है। ज्यादातर मार्गों पर दुकानदारों, ठेल-ढकेल वालों और खोखानुमा दुकानों के दुकानदारों ने अतिक्रमण कर रखा है। ऊपर से बेतरतीब वाहन खड़े रहने से भी राहगीरों को निकलने में दिक्कत का सामना करना पड़ता है। अतिक्रमण की वजह से भूतेश्वर से लेकर कृष्णानगर तक के मार्ग पर पैदल राहगीरों के चलने के लिए कोई इंतजाम नहीं है।

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बस स्टैंड से भूतेश्वर होते हुए कृष्णानगर तक जाने वाली इस रोड पर दुकानदारों ने बांस-बल्ली टांगकर तिरपाल लगा रखी हैं, भूतेश्वर तिराहे पर ठेल-रेहड़ी वाले फल विक्रेताओं ने रोड पर ही दुकान सजा रखी हैं। दुकानदारों ने अपनी दुकान के आगे बनी नालियों को पाटकर उन पर कब्जा जमाया हुआ है। नाले के आगे भी सड़क पर दुकानदार अपने और ग्राहकों के दुपहिया और चौपहिया वाहन खड़े करते हैं। यानी पूरा फुटपाथ इसी अतिक्रमण में दब जाता है, बचती है तंग सड़क, जिस पर वाहनों की लंबी कतारें लगी रहती हैं। भूतेश्वर तिराहे पर तो बसें और टेंपों सवारियां भरने के चक्कर में बेतरतीब खड़े रहते हैं और आए दिन यहां से निकलने वाले राहगीरों में और वाहन चालकों में झगड़े होते रहते हैं।

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भूतेश्वर तिराहे से कृष्णानगर तक के मार्ग पर अतिक्रमण है। इस रोड पर खोखानुमा दुकानों से लेकर एक से एक बड़े शोरूम तक के आगे अतिक्रमण किया हुआ है। इसके लिए प्रशासन को सख्ती दिखानी होगी। तभी यह मार्ग अतिक्रमण मुक्त हो सकेगा और पैदल चलने वाले राहगीरों को राहत मिल सकेगी।

-गिरिराज ¨सह, मोहन नगर।

कृष्णानगर पुलिस चौकी के सामने खड़े रहने वाले कबाड़े के वाहनों ने भी काफी हद तक सड़क घेर रखी है, जब पुलिस की नाक के नीचे ये स्थिति है तो बाकी जगह क्या हालत होती होगी, इसका सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है। जब पुलिस ही लापरवाह है तो दुकानदार ही पीछे क्यों रहें अतिक्रमण करने में।

-आशीष गर्ग, घीयामंडी।

पान-मसाला, खाने की दुकानों के आगे काफी गंदगी फैली रहती है, इससे पैदल निकलने वालों को काफी असुविधा होती है, दुकानदार अपने ग्राहकों से यह तक कहने में कंजूसी बरतते हैं कि कचड़ा कूड़ादान में ही डालें। और कहें भी कहां से जब उनकी दुकान के पास कूड़ादान ही नहीं रखे रहते।

-कुशल अग्रवाल, सुभाष नगर।

कई बार स्थानीय लोग पुलिस, प्रशासन और नगर पालिका से अतिक्रमण हटाने की मांग करते हैं, लेकिन लोगों की मांग और शिकायतों को अधिकारी अनसुना कर देते हैं। न तो अधिकारी अतिक्रमण हटाने के लिए खुद ही संज्ञान लेते हैं और न ही स्थानीय लोगों की मांगों पर गौर फरमाते हैं।

-डॉ. कदीर कुरैशी, गोपाल नगर।


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