अब दरोगाओं पर ऑनलाइन निगरानी
जागरण संवाददाता, मथुरा: विवेचना के बहाने अब दरोगाओं की मनमर्जी नहीं चलेगी। हर विवेचना की ऑनलाइन निगर
जागरण संवाददाता, मथुरा: विवेचना के बहाने अब दरोगाओं की मनमर्जी नहीं चलेगी। हर विवेचना की ऑनलाइन निगरानी होगी। विवेचना की हर गतिविधि को रोज कम्प्यूटर में दर्ज करना होगा। वरिष्ठ अधिकारी इस रिपोर्ट को देखेंगे। इस तरह की व्यवस्था की तैयारी शुरू हो गई है।
केंद्र सरकार क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रे¨कग नेटवर्क सिस्टम (सीसीटीएनएस) योजना के तहत अप्रैल से सभी थानों में कंप्यूटर से एफआइआर कराने की व्यवस्था लागू कर दी गई है। इसके साथ ही थानों से एफआइआर जिल्द को हटवा दिया गया। अब तक थानों में तैनात दरोगा विवेचना के नाम पर गायब हो जाते थे। इसके बाद विवेचना की प्रगति मनमाने तरीके से लिखते थे। 25 जून को हुई कांफ्रेंस में पुलिस के आला अफसरों ने जुलाई से अपराध संबंधी विवेचना के ब्योरा को रजिस्टर में दर्ज करने की प्रक्रिया को बंद करने और कंप्यूटर पर विवेचना का डाटा अनिवार्य रूप से फीड करने के निर्देश दिए थे।
सीओ लाइन आरके गौतम ने बताया कि थानों की पुलिस को विवेचना की कंप्यूटर फी¨डग के संदर्भ में पुलिस लाइन में विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षण दिया जा रहा है। पहले सत्र में शहरी क्षेत्र और इसके बाद देहात थानों की पुलिस को आठ-आठ दिन प्रशिक्षण दिया जाएगा।
विवेचक को रहेगी सहूलियत
विवेचना के डाटा कंप्यूटर पर फीड करने की नई व्यवस्था से विवेचक को रजिस्टर के रखरखाव और उसकी सुरक्षा करने की जिम्मेदारी से निजात मिलेगी। जबकि कंप्यूटर पर एक क्लिक करने पर ही विवेचना का ब्योरा उपलब्ध हो सकेगा। कंप्यूटर पर विवेचना को पढ़ने में भी अन्य अफसरों को आसानी रहेगी। जबकि रजिस्टर में कई बार साफ लेखन के अभाव में शब्दों को पढ़ना कई बार मुश्किल होता था।
विवेचक की जांच दिशा अफसरों की नजर में रहेगी
किसी वारदात के मामले में विवेचक ने मौके पर जाकर क्या साक्ष्य जुटाए, किन लोगों के बयान दर्ज किए। कितने पर्चे काटे गए और कब अंतिम पत्र या आरोप पत्र जारी किया। इस प्रक्रिया पर आला अफसर नजर रख सकेंगे। इससे विवेचना प्रक्रिया पारदर्शी बनेगी।
निपटारा और अपील के नतीजे में ऑनलाइन होंगे
विवेचना की प्रक्रिया पूरी तरह से लागू होने के बाद अदालत द्वारा संबंधित मामलों का निपटारा करने और अपील के नतीजे भी कंप्यूटर में फीड किए जाएंगे। इसमें करीब 6 माह का समय और लगेगा।