बजट के इंतजार में सफेद हाथी बने मॉडल स्कूल
जागरण संवाददाता, मथुरा: 2010-11 में तत्कालीन यूपीए सरकार ने राज्यों के साथ मिलकर देहात क्षेत्रों में
जागरण संवाददाता, मथुरा: 2010-11 में तत्कालीन यूपीए सरकार ने राज्यों के साथ मिलकर देहात क्षेत्रों में अच्छी पढ़ाई को मॉडल स्कूल का सपना साकार करने को भवन बनाने को पैसे तो दे दिए, पर यह पहल वर्तमान केंद्र सरकार को रास नहीं आई। राज्य सरकार ने इन विद्यालयों के लिए राज्य को पैसे देने से इन्कार कर दिया। ऐसे में राज्य सरकार करोड़ों की लागत से बने इन स्कूल भवनों में स्कूल का संचालन अपने दम पर करने के बारे में विचार कर रही है। उधर यह मॉडल स्कूल वर्तमान शैक्षिक सत्र में भी शुरू होते नजर नहीं आ रहे हैं।
केंद्र सरकार की योजना थी कि देहात क्षेत्र में भी बच्चों को शहर की तरह सीबीएसई की शिक्षा दिलाई जाए। इसके लिए मथुरा के सात ब्लॉकों में एक-एक मॉडल स्कूल संचालन की प्रक्रिया शुरू कराई गई। माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत केंद्र सरकार ने शैक्षिक सत्र 2010-11 में मथुरा के सात ब्लॉकों में मॉडल स्कूल बनाने को अनुदान दिया था। इनमें सीबीएसई के तहत शिक्षा दी जानी थी। केंद्र सरकार से बजट आने के बाद ये मॉडल स्कूल बनना शुरु हो गए। अब ये स्कूल भवन पूर्णता की ओर हैं। इनके संचालन के लिए शिक्षकों और संसाधनों की जरूरत पड़ रही है। इन मॉडल स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती को मंडल स्तर पर मंडलायुक्त प्रदीप भटनागर की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया गया था। जिसमें संयुक्त शिक्षा निदेशक, डीआइओएस आदि सदस्य थे। कमेटी ने मई में ही शिक्षक पदों के लिए ऑनलाइन आवेदन मंगा लिए। आवेदन आने के बाद भी नियुक्तियों की प्रक्रिया अभी प्रारंभ नहीं हो सकी है।
मई में डीआइओएस कार्यालय द्वारा इन मॉडल स्कूलों के लिए फर्नीचर खरीद को निविदाएं आमंत्रित की गई थीं। पर बजट न मिलने के कारण माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने फर्नीचर खरीद के मामले में अभी इंतजार करने को कहा। हालांकि अभी माध्यमिक शिक्षा विभाग के अधिकारी इस मामले में केंद्र और राज्य सरकार के बीच स्थिति साफ होने का इंतजार कर रहे हैं। मगर जो भी हो, वर्तमान शैक्षिक सत्र की शुरुआत हो चुकी है। दो माह की पढ़ाई भी स्कूलों में हो चुकी है। ऐसे में यह सत्र भी मॉडल स्कूलों का शून्य ही माना जा रहा है।
यहां बने हैं मॉडल स्कूल
मांट ब्लॉक के कराहरी में, राया के सोनई में, चौमुहां के सिहाना में, गोवर्धन के पाडल में, मथुरा के जैंत में, बल्देव के बरौली में और नंदगांव के कामर में मॉडल स्कूल के भवन निर्मित हुए हैं।