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253 गांवों में रोगों से भरे पानी के गिलास

जागरण संवाददाता, मथुरा: पाताल का पानी अब पीने के काबिल नहीं रहा है। 253 गांवों में धरती का सीना चीर

By Edited By: Published: Tue, 26 May 2015 11:52 PM (IST)Updated: Tue, 26 May 2015 11:52 PM (IST)
253 गांवों में रोगों से भरे पानी के गिलास

जागरण संवाददाता, मथुरा: पाताल का पानी अब पीने के काबिल नहीं रहा है। 253 गांवों में धरती का सीना चीर पानी से भरे जा रहे गिलासों में बीमारियों का घोल है। इन गांवों की आई पानी की परीक्षण रिपोर्ट हानिकारक तत्वों से भरी पड़ी है।

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मथुरा के नदी-नहरों में यमुना और गंगा जल की दूषित धारा बह रही है। तालाबों में नालियों का पानी और कूड़ा-करकट गिर रहा है। हालात बदतर होते चले जा रहे हैं। जल निगम की जल परीक्षण रिपोर्ट साफ संकेत दे रही है कि 253 गांवों में लोग प्यास बुझाने के लिए जमीनी पानी को भले ही शुद्ध समझ रहे हों, लेकिन वह पीने योग्य नहीं है। भूजल में टोटल डिजोलव सेल्यूशन (टीडीएस) मिला है। हानिकारक तत्वों में फ्लोराइड, मैग्नीशियम, सल्फेट, नाइट्रेट, सोडियम जैसे तत्व घुले हैं। ऐसे में लोग दंत रोग, हाथ-पैर मुड़ने, कंपन, आंतों में जलन, पेट फूलने, पाचन क्रिया प्रभावित होने, जोड़ों में दर्द और बाल झड़ने की शिकायत लेकर चिकित्सकों के पास पहुंच रहे हैं।

ये गांव हैं प्रभावित

ब्लॉक बल्देव: मडोरा, नेरा बांगर, अलीपुर, बिरोना।

ब्लॉक छाता: ऐंच, बारवारी, बरखा, बसई, बिडावली, बुखरारी, चौकी बांगर, दौताना, धमसींगा, गुहारी, जलालपुर, जॉब, करहारी, लाढपुर, पलहान, पिसावा, रान्हैरा, तूमौला, खानपुर, उमराया, शेरगढ़ बांगर, आजनौख, गुहाटा, खायरा, खुर्शी, पैगांव, उंधी, करहैला।

ब्लॉक चौमुहां: अगरयाला, अहूरी, आझई खुर्द, बसई बुर्ज, भौगंव, नरी, पाली, परखम, पसौली, पेलखू, सैनवा, सेही, सेमरी, सिवाल, सिहाना, भरना खुर्द, अकबरपुर, अस्तोली, कौंकेरा, तरौली सुमाली।

ब्लॉक मांट: भदनबारा, अकबरपुर, भद्रवन, विजौली, मिरताना, ¨बदू बुलाकी, डडीसरा, इरौली जुन्नारदार, जरारा, जाबरा, नगला हूमायू, ऊधर, वकला, विभावली, कुरबाडा, नीमगांव।

ब्लॉक मथुरा: अरहेरा, बबूरी, बाजना, छरौरा, नबादा, फेंचरी, ऊमरी, तारसी, खामनी।

ब्लॉक नंदगांव: बठैनखुर्द, भडोकर, विजवारी, चिकसौली, ढभाला, दहगांव, बरबारी, हताना, कामर, खरौट, खिटाविटा, कोटवन, लालपुर, महराना, नवीपुर, रॉकोली, सांचौली, संकेत, सिरथला, बठैन कलां, गिडोह, सुरवारी, बदनगढ़, हुलवाना।

ब्लॉक नौहझील: बरौठ, भूरेका, हसनपुर, कोलाहर, नावली, दिल्लू पट्टी, सुल्लतान पट्टी, सुरीर, मीरपुर।

ब्लॉक फरह: बलरई, बरारी, बेरी, भदाया, भदेरुआ, भाहई, नगला चंद्रभान, धानातेजा, शमशाबाद, फतिहा, जमालपुर, झुडावई, खेरिया, किरारई, लुहरा, मुस्तफाबाद, नगला हृदय, परखम, रौसू, सुरूरपरु, किरारई, भुडरसू।

ब्लॉक राया: आयराखेड़ा, बारौन, बीरवला, विसावली, चूराहंसी, ढकू, गियरा, गजू, गौंगा, ककरेटिया, खरबा, खेडिया, कोयल, मनीना बालू, नागल, नौरंगा, पिरसुआ, गौसना, शेरनी, सिवली, सियरा, थोक कमल, सरू, सुमेरा, त्रिरवाया, रायपुर, इशापुर, अचरू, बना, भैंसारा, इटौली, खिरारई, लालपुर, महावन, पडरारी, तैयापुर, थना अमर ¨सह।

सभी गांवों में भेजा आरओ प्लांट का प्रस्ताव

टीडीएस से प्रभावित गांवों में आरओ प्लांट लगवाने के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा है। मंजूरी मिलते ही इन गांवों में शुद्ध पेयजल के लिए आरओ प्लांट लगवाने की कार्रवाई प्रारंभ की जाएगी।

आंद्रा वामसी, मुख्य विकास अधिकारी

प्रेमलता का कहना है कि पिछले कई वर्षो से घुटनों में दर्द रहता है। अब चलने फिरने में भी दिक्कत आ रही है। कई डॉक्टरों को दिखाया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।

शिक्षिका सुनीता देवी का कहना है कि घुटनों में दर्द के साथ दांत भी पीले पड़ रहे हैं। अब चलने फिरने में भी परेशानी होने लगी है।

कृष्णा देवी का कहना है कि घुटनों के दर्द ने जीना दूभर कर दिया है। अब उठना बैठना भी मुश्किल है। दांतों का भी रंग बदल रहा है।

रामवती देवी का कहना है कि पता नहीं कौन सी बीमारी है, जिससे चलने फिरने में भी दिक्कत आ रही है। हाथ-पैर के जोड़ों में दर्द से जीना दूभर हो रहा है।


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