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'तन' मथुरा में, 'मन' नेपाल

मथुरा, वृंदावन: वो यहां हरि की कथा पढ़ने और सीखने आए हैं। आश्रम में रहकर हरि कथा का वाचन भी कर रहे ह

By Edited By: Published: Tue, 28 Apr 2015 11:40 PM (IST)Updated: Tue, 28 Apr 2015 11:40 PM (IST)
'तन' मथुरा में, 'मन' नेपाल

मथुरा, वृंदावन: वो यहां हरि की कथा पढ़ने और सीखने आए हैं। आश्रम में रहकर हरि कथा का वाचन भी कर रहे हैं, मगर नेपाल में आए जलजले के बाद से बेचैन हैं। अपनों का समाचार पाने के लिए मन अधीर है, मगर पिछले चार दिनों से परिजनों से संपर्क नहीं हो पा रहा है। सुबह हो या शाम, उनकी नजरें टीवी पर टिकी रहती हैं। हर पल यही लगता है कि शायद अब अपनों की खबर मिल जाए।

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वृंदावन के मोतीझील, चैतन्य विहार, भजन कुटी, गोधूलिपुरम और पानीघाट आदि क्षेत्रों में तीन हजार से अधिक नेपाली युवक रहते हैं। इनमें से कुछ किराए के कमरों में रहकर रोजी-रोटी कमाते-खाते हैं, तो कुछ आश्रम-स्कूलों में रहकर ठाकुर जी की कथा यानी श्रीमद् भागवत का वाचन सीखते और करते हैं। मोतीझील क्षेत्र के एक स्कूल में रहकर कथा सीख रहे रोशन नेपाल के पूर्वसांक्ष इलाके के मूल निवासी हैं। नेपाल में भूकंप आने के बाद से ही रोशन की अपने परिजनों से बात नहीं हो पाई है। हर घंटे फोन मिला रहे हैं, लेकिन अब तक परिजनों से बात नहीं हो सकी। सालिग्राम नेपाल के भोजपुर क्षेत्र के निवासी हैं, वह भी यहां काफी समय से कथा सीख रहे हैं। गत रात एक बजे उनकी पिता बाबूराम और बहन गीता से बात हुई।

उन्होंने बताया कि उनका तीन मंजिला भवन मिट्टी में मिल गया, वो सपरिवार बाहर बैठे हैं। नेपाल के विराट नगर निवासी मुकेश का भी बहुमंजिला मकान गिर गया है। बकौल मुकेश, यह जानकारी उनके गांव के दो लोगों से मिली है। उनकी भी परिजनों से बात नहीं हो पा रही है। गांव के जिस व्यक्ति से बात हुई, वे भी यह नहीं बता सके कि परिवार किस हाल में और कहां है? नेपाल के विराट नगर की ही मूल निवासी निर्मला और किशोरी ने बताया कि जब से उनके देश में भूकंप आया है, तबसे खाना-पानी कुछ भी ठीक नहीं लग रहा है। परिजनों से मोबाइल पर बात नहीं हो पा रही है। न मायके की खबर मिल पा रही, न ससुराल की। ऐसे में भोजन का एक कौर और पानी काघूंट भी बमुश्किल गले से नीचे उतर रहा है।

कैसे जाऊं देश, बता दो

सालिग्राम समेत अनेक परिवार अपने घर नेपाल जाना चाहते हैं, लेकिन जा नहीं पा रहे हैं। सालिग्राम की परेशानी यह कि पिछले दिनों किसी ने उसका आइकार्ड (नेपाल की नागरिकता का पहचान पत्र) चुरा लिया। सालिग्राम और दूसरे लोगों ने बताया कि तत्काल का ट्रेन रिजर्वेशन पाने के लिए आइकार्ड का होना जरूरी है। जिनके पास पहचान पत्र नहीं है, उन्हें तत्काल का टिकट नहीं मिल पा रहा है।


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