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हब में गुम हो रही स्पीड पोस्ट की रफ्तार

जागरण संवाददाता, मथुरा: डाक विभाग की सेवाओं को और बेहतर बनाने की गरज से करीब दो साल पहले बनाए गए हब

By Edited By: Published: Mon, 27 Apr 2015 06:14 PM (IST)Updated: Mon, 27 Apr 2015 06:14 PM (IST)
हब में गुम हो रही स्पीड पोस्ट की रफ्तार

जागरण संवाददाता, मथुरा: डाक विभाग की सेवाओं को और बेहतर बनाने की गरज से करीब दो साल पहले बनाए गए हब स्पीड पोस्ट की रफ्तार ले डूबे हैं। विभाग की एकमात्र सबसे लोकप्रिय इस सेवा ने अपनी लेटलतीफी से लोगों को निराश कर दिया है और अब यह सेवा भी घाटे में जा रही है।

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विभाग ने राष्ट्रीय स्तर पर सेवाओं को और बेहतर बनाने के लिए 87 डाक हब बनाए थे, जिनमें से प्रत्येक में आठ-दस जनपद शामिल किए गए। इन जनपदों की डाक बनाए गए हब में पहले आने और वहां से इनके वितरण की व्यवस्था करने की नीति लागू की गई, लेकिन एक ही जनपद के लिए भेजी जाने वाली स्पीड पोस्ट पहले जहां 24 घंटे में मुकाम पर पहुंच जाती थी, अब इसमें तीन-चार दिन लगने लगे हैं। इससे स्पीड पोस्ट कराने वाले निराश हैं, तो विभाग भी अब नुकसान झेलने लगा है।

विभागीय सूत्रों की मानें तो हर महीने इस सेवा से प्राप्त होने वाले राजस्व में कमी आई है और यह कमी दस हजार रुपए से अधिक तक पहुंच रही है। लोगों का स्पीड पोस्ट के प्रति आकर्षण भी कम हो रहा है। मथुरा जनपद में ही किसी स्थान से दूसरे स्थान के लिए यदि स्पीड पोस्ट भेजी जानी है, तो पहले यह आगरा केंद्र पर पहुंचती है और वहां से छंटकर वापस मथुरा आती है और फिर इसका वितरण कराया जा रहा है। इससे अनावश्यक तीन-चार दिन का समय तक लग रहा है।

आसपास के अन्य जनपदों के लिए भी यही व्यवस्था है। यह सीधे दिए गए पते के जनपद न जाकर पहले आगरा और फिर मथुरा आकर संबंधित जनपद को डिलीवरी की जा रही है। इसमें भी देरी की शिकायतों के कारण राजस्व कम होने लगा है।

सक्षम अधिकारियों का टोटा

मथुरा का डाक मुख्यालय सक्षम अधिकारियों की कमी से जूझ रहा है। पिछले छह माह से मुख्यालय को कोई स्थायी प्रवर अधीक्षक ही नहीं मिला है और उच्चाधिकारी इस पर ध्यान नहीं दे रहे। सुनील कुमार के स्थांतरण के बाद से अतिरिक्त कार्यभार देकर काम चलाया जा रहा है। पिछले महीने ही अलीगढ़ के प्रवर अधीक्षक को अतिरिक्त चार्ज दिया गया था, लेकिन वह उच्चाधिकारियों के व्यवहार से दुखी होकर चार्ज छोड़ गए। बाद में आगरा के सतीश सोलंकी को चार्ज मिला, लेकिन वर्तमान में वह भी नहीं हैं। अब अतिरिक्त चार्ज के लिए फिर से तलाश शुरू की गई है। इसी प्रकार एएसपी की सीट भी खाली चल रही है। फलस्वरूप कामकाज प्रभावित हो रहा है।


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