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बलदेव रोड पर मरम्मत को विधायक ने फोड़ा नारियल

जागरण संवाददाता, मथुरा: लक्ष्मी नगर से सुखदेव नगर तक की जानलेवा सड़क की मरम्मत के लिए आखिर रविवार को

By Edited By: Published: Sun, 29 Mar 2015 07:03 PM (IST)Updated: Sun, 29 Mar 2015 07:03 PM (IST)
बलदेव रोड पर मरम्मत को विधायक ने फोड़ा नारियल

जागरण संवाददाता, मथुरा: लक्ष्मी नगर से सुखदेव नगर तक की जानलेवा सड़क की मरम्मत के लिए आखिर रविवार को नारियल फोड़ ही दिया। विधायक ने दावा किया है कि करीब पौने पांच करोड़ से बनने वाली ये सड़क दो महीने में फर्राटा भरने लगेगी। लेकिन तब तक सड़क को चलने लायक बना दिया जाएगा।

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पिछले पांच साल से ऊबड़-खाबड़ हो चुकी इस महत्वपूर्ण सड़क की मरम्मत का मुद्दा दैनिक जागरण ने रविवार को उठाया था। स्थानीय लोगों द्वारा दाऊजी रोड जीर्णोद्धार संघर्ष समिति बना आए दिन जुलूस निकाला जा रहा था।

निर्माण खंड ने रविवार से यहां निर्माण कार्य शुरू करा दिया। बलदेव विधायक पूरन प्रकाश ने इसका शिलान्यास किया। निर्माण खंड के अधिशासी अभियंता जोगराज सिंह ने बताया कि दो माह में यह सड़क बनकर तैयार हो जाएगी। विधायक पूरन प्रकाश ने बताया कि इसी प्रकार बलदेव रोड, राया से बलदेव रोड, बरौली, ब्रह्मांड घाट रोड आदि सड़कें भी जल्द बनवाने के प्रयास किए जा रहे हैं।

सबरे कपड़े फट गए अब नंबर आयौए सड़क कौ

मथुरा: नेता वोट मांगने आते गए और यहां जनता को बेवकूफ बनाते गए। अब तो कई साल से अधिकारियों ने भी इस रोड से आना बंद कर दिया है, वह गोकुल बैराज होते हुए बलदेव चले जाते हैं। यहां से निकलें तो उनके भी पेट का पानी हिले।

-रामदयाल शर्मा, सेवानिवृत्त शिक्षक

पांच-छह साल ते इंतजार कर रहे हैं। देखते-देखते कई जोड़ी कपड़े फट गए, पर सड़क कौ नंबर न आयौ। कैऊ नेता बदल गए, अधिकारिऊ बदल गए, पर या रोड पै रहबे बारेनकी किस्तम नाय बदली। अब जायकें नंबर आयौए, देखिंगे कब तक बनायके दिंगे या सड़कै।

-राजवीर सिंह, किसान

जब से सड़क खराब होना शुरू हुई, तब उन्होंने दसवीं की परीक्षाएं दी थीं, अब बीएससी फाइनल के एग्जाम देने जा रहे हैं। इसी सड़क पर हिचकोले खाते हुए स्कूल-कालेज आते-जाते रहे। अब काम शुरू हुआ है, बहुत अच्छी बात है, लेकिन इतना इंतजार नहीं कराना चाहिए था सरकार को।

-प्रवीण कुमार, छात्र

पहले जब सड़क अच्छी थी तब उनकी दुकान पर ट्रक वाले, कार वाले नाश्ता और चाय-पानी के लिए रुकते थे। लेकिन पिछले पांच सालों से दुकानदारी मर सी गई है। इक्का-दुक्का ग्राहक आते हैं। इससे खर्चा भी नहीं निकल पाता है। अब जाकर सड़क बनने की बारी आई है। अच्छा है, लेकिन बड़े कष्ट झेलने पड़े थे अब तक।

-हरीशचंद्र, दुकानदार


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