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बारिश ने की महंगाई की 'सिंचाई'

जागरण संवाददाता, मथुरा: बेमौसम बारिश ने महंगाई में सिंचाई कर दी है। बारिश से फसलों की उत्पादकता और ग

By Edited By: Published: Tue, 03 Mar 2015 11:58 PM (IST)Updated: Tue, 03 Mar 2015 11:58 PM (IST)
बारिश ने की महंगाई की 'सिंचाई'

जागरण संवाददाता, मथुरा: बेमौसम बारिश ने महंगाई में सिंचाई कर दी है। बारिश से फसलों की उत्पादकता और गुणवत्ता प्रभावित होंगी। उत्पाद की कीमत बाजार में कम आंकी जाएगी। बाजार में आमद कम होने के साथ महंगाई बढ़ेगी। मांग बढ़ने के एवज में व्यापारी लोगों से मनमाफिक दाम वसूलेंगे।

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खेतों में लहलहाते गेहूं की फसल अब जमींदोज हो चुकी है। आलू की खुदाई होने से उसके सड़ने, गलने, आकार छोटा-बड़ा होने और धब्बा लगने का डर है। सरसों की फसल में दाना पड़ने लगा है, जो बारिश में भीग कर फूलेगा। धूप खिलने पर फली के चटकने व दानों के खेत में बिखरने का डर है। भीग कर सूखने से सरसों के दाने का आकार भी प्रभावित होगा।

बढ़े अनाज व सब्जियों के भाव

फल, सब्जी व अनाज मंडी में भी बारिश का असर देखने को मिल रहा है। बारिश होने से मंडी में गेहूं, सरसों, आलू, प्याज की कीमतें बढ़ गई हैं। अनाज आढ़ती मुरारीलाल अग्रवाल व करतार सिंह ने बताया कि बाजार में गेहूं नहीं आ पाएगा, इसलिए उसके भाव बढ़ गए। पहले गेहूं के भाव 1475 रुपए प्रति कुंतल थे। वहीं, मौसम खराब होने के बाद गेहूं 1550 रुपए प्रति कुंतल खरीदा जा रहा है। आढ़ती मोहन कुमार अग्रवाल ने बताया कि इस बार रिकॉर्ड पैदावार की उम्मीद थी, लेकिन बारिश ने सब पर पानी फेर दिया। सरसों के भाव बारिश से पहले 3200 रुपए प्रति कुंतल थे। अब 3300 रुपए प्रति कुंतल हो गए हैं। आलू के थोक आढ़ती मो. इकराम ने बताया कि आलू के थोक के भाव पहले पांच रुपए किलो (500 रुपए प्रति कुंतल) थे, लेकिन मौसम खराब होने से अब यह बढ़कर सात रुपए किलो (700 रुपए प्रति कुंतल) तक हो गए हैं। सब्जी व्यापारी नईम भाई ने बताया कि प्याज भी 15 रुपए प्रति किलोग्राम से बढ़कर 25 रुपए हो गई।

तेल व आटा भी होगा महंगा

सरसों और गेहूं पर आए संकट के कारण सरसों के तेल और आटा की कीमतें बढ़ना स्वाभाविक है। फिलहाल सरसों का खुला तेल 90 रुपए प्रति लीटर और पैकिंग का 100 रुपए प्रति लीटर है। खुला आटा 22 रुपए और ब्रांडेड आटा 50 रुपए प्रति किलो तक मिल रहा है।

फल के दाम घटे

फल आढ़ती असगर अली ने बताया कि बारिश होने से फलों की कीमतों में गिरावट आई है। बाहर से आने वाला फल मौसम खराबी की वजह से नहीं आ रहा है। यहां रखे फल दागिया (धब्बेदार) होते जा रहे हैं। इस वजह से फल सस्ते में निकालने पड़ रहे हैं।

आज आ जाएगा नुकसान का आकलन

मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का आदेश सुन प्रशासन फसलों के नुकसान का सर्वे कराने में जुटा है। कृषि विभाग और राजस्व के माध्यम से अलग-अलग सर्वे कराया जा रहा है। इसकी प्राथमिक रिपोर्ट बुधवार को मिलने की उम्मीद है।

शनिवार रात से बिगड़े मौसम के बाद रविवार व सोमवार को बारिश और कुछ इलाकों में ओलावृष्टि हुई है। एडीएम फाइनेंस धीरेंद्र सचान ने सभी तहसीलों में एसडीएम से नुकसान का प्राथमिक आकलन बुधवार तक मांगा है। विस्तृत रिपोर्ट एक सप्ताह में देनी है। सूत्रों की मानें तो जिला प्रशासन नुकसान का आकलन 50 फीसद से कम आंक रहा है। ऐसे में किसानों को मुआवजा मिलने की उम्मीद न के बराबर है।

रालोद ने मांगा हरियाणा जैसा मुआवजा

रालोद जिलाध्यक्ष चौ. राजेंद्र सिंह सिकरवार के नेतृत्व में पार्टीजनों ने जिलाधिकारी राजेश कुमार को ज्ञापन सौंप प्रभावित किसानों के लिए हरियाणा की तर्ज पर मुआवजे की मंाग की है। उन्होंने मांग की कि खाद व बीज के कर्ज माफ किए जाएं, ग्रामीण अंचल में बिजली के बिल माफ किए जाएं, बिजली के बिल के लिए किसानों का उत्पीड़न बंद किया जाए। ज्ञापन देते वालों में बल्देव विधायक पूरन प्रकाश, राजपाल भरंगर, रविंद्र नरवार, हरवीर चौधरी, नारायण सिंह, मानसिंह, डॉ. एसपी सिंह भरंगर, वीरपाल सिंह, अनिल रावत आदि प्रमुख थे।


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