मौसम की बाजीगरी नहीं समझ पा रहे किसान
जागरण संवाददाता, मथुरा: इस बार मौसम की बाजीगरी से लोग हैरत में हैं। खूब ठंड पड़ रही है, धूप भी खूब नि
जागरण संवाददाता, मथुरा: इस बार मौसम की बाजीगरी से लोग हैरत में हैं। खूब ठंड पड़ रही है, धूप भी खूब निकल रही है, लेकिन इस बार कोहरा गायब है। हालांकि कोहरा न पड़ना फसलों के लिए लाभदायक है, कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि कोहरा तो फसलों को नुकसान ही पहुंचाता है, इसलिए यह मौसम फसलों के लिए एकदम अनुकूल है।
दिसंबर की शुरुआत तक मौसम सामान्य था, लेकिन पिछले हफ्ते शुक्रवार, शनिवार व रविवार को एकदम मौसम पलटा खा गया। आसमान में बादल छा गए और बूंदाबांदी होने लगी। सर्दी इतनी बढ़ गई कि अधिकतम तापमान भी 14 डिग्री तक उतर आया था, जबकि न्यूनतम सात डिग्री तक गिर गया। हालांकि न्यूनतम तापमान अब भी उतना ही है। लेकिन अधिकतम पारा फिर से 21 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है।
सोमवार से आसमान साफ हो गया था और धूप निकलनी शुरू हो गई, परंतु ठंड कम नहीं हुई। गलन इतनी थी कि सूरज की किरणें इसे कम नहीं कर सकतीं। यह स्थिति अभी तक बनी हुई है। धूप, ठंड और गलन होने के बावजूद कोहरा कहीं दिखाई नहीं दे रहा है। लोग इससे आश्चर्यचकित जरूर हैं, लेकिन इसके लिए ईश्वर को धन्यवाद भी कर रहे हैं।
केंद्रीय बकरी अनुसंधान के तकनीकी अधिकारी दिनेश कुमार भट्ट के अनुसार गुरुवार को न्यूनतम तापमान 7 व अधिकतम 21 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि आर्द्रता 74 फीसद रिकार्ड की गई।
जागरूक किसानों ने कहा..
गोवर्धन रोड स्थित जिखिनगांव भूतपुरा निवासी रिटायर्ड प्रोफेसर डा. नवाब सिंह बताते हैं कि इस समय मौसम ठीक है और यह रबी की फसलों के लिए अनुकूल है। अगर कोहरा पड़ेगा तो वह फसलों को नुकसान ही पहुंचाएगा। धूप न निकलने पर पौधों की वृद्धि प्रभावित होती है। इसलिए इस समय ठंड ठीक पड़ रही है। बाबूगढ़ के प्रगतिशील किसान चरण सिंह कहते हैं कि जमीन में खुस्की है, सिंचाई के बाद फसल को अच्छी धूप की जरूरत होती है। हालांकि कोहरा गेहूं की फसल के लिए थोड़ा लाभदायक रहता है, लेकिन आलू व अन्य फसलों को नुकसान पहुंचाता है। बहरहाल तापमान व मौसम खेती-बाड़ी के हिसाब से ठीक ही हैं।
विशेषज्ञ बोले
कृषि विज्ञान केंद्र के प्रभारी व कृषि वैज्ञानिक डा. एसके मिश्रा ने बताया कि कोहरा नहीं पड़ रहा है, यह अच्छी बात है। कोहरे से जनजीवन प्रभावित होता है और हादसे भी बढ़ जाते हैं। साथ ही फसलों को भी नुकसान की आशंका बनी रहती है। फसलें पीली पड़ने लगती है और पौधों की वृद्धि रुक जाती है। पौधों को धूप, हवा और पानी की बेसिक जरूरत होती है, जो इस समय मिल रही है। इसलिए मौसम फसलों के लिए अनुकूल ही है।