तारों के मकड़जाल ने बिगाड़ी बिजली की सूरत
जागरण संवाददाता, मथुरा (वृंदावन): वृंदावन में बिजली सुधार कार्य की शुरूआत हुए करीब छह माह से अधिक का
जागरण संवाददाता, मथुरा (वृंदावन): वृंदावन में बिजली सुधार कार्य की शुरूआत हुए करीब छह माह से अधिक का वक्त गुजर चुका है, लेकिन उपलब्धि अब तक नजर नहीं आ रही है। पूरे शहर में बिजली के जर्जर तार और इस पर लटकते जंफर ही नजर आ रहे हैं। ये कब जानलेवा बन जाएं, पता नहीं।
केंद्र सरकार की आरपीएडीआरपी (एसिलरेटेड पावर डवलपमेंट रिफॉर्म प्रोग्राम) के तहत वृंदावन में करीब 65 करोड़ की लागत से बिजली सुधार कार्य कराये जाने हैं। योजना के तहत न सिर्फ बिजली की केबिलें अंडरग्राउंड करायी जाएंगी, बल्कि ट्रांसफारमरों की क्षमता वृद्धि और कई नए ट्रांसफारमर भी लगवाये जाने हैं। प्राइवेट कंपनी ने कार्य की शुरूआत करीब छह माह पहले करायी, लेकिन पूरे शहर में कहीं कुछ उपलब्धि नजर नहीं आ रही है।
अनाज मंडी, प्रताप बाजार, लोई बाजार, मथुरा दरवाजा, गोविंद बाग, पत्थरपुरा, सेवाकुंज, प्रेम गली, बड़ी सब्जी मंडी, गौतमपाड़ा, कुम्हार गली और शाहजी मंदिर मार्ग समेत अनेक स्थान ऐसे हैं जहां बिजली के जर्जर लटकते तार कभी भी गंभीर हादसे की वजह बन सकते हैं। इनमें से कई जगह तार और केबिलें कुछ ही ऊंचाई पर हैं। राहगीर बमुश्किल इनसे बच पाते हैं। जरा सी तेज हवा में जर्जर तार टकरा जाते हैं। प्रताप बाजार, अनाज मंडी और लोई बाजार जैसे क्षेत्रों में आये दिन बिजली तारों के टकराने से चिंगारी निकलती हैं। रही-सही कसर बिजली चोर जंफर डालकर पूरी कर देते हैं।
विद्युत निगम के अधिशासी अभियंता वीपी सिंह ने बताया कि लाइनों को भूमिगत कराने के कार्य में तेजी लाने के लिये कंपनी से कहा गया है।
पूरे शहर को खोदकर छोड़ दिया
आरपीएडीआरपी योजना के तहत बिजली लाइनें कब तक भूमिगत हो पाएंगी, पता नहीं। लेकिन लाइनें भूमिगत करने के नाम पर पूरे शहर को खोदकर छोड़ दिया गया है। इस मौसम में भी उड़ती धूल जनता की नाक में दम कर रही है।