बैराज पेयजल सप्लाई पर जलनिगम ने हाथ जोड़े
जागरण संवाददाता, मथुरा: गोकुल बैराज से मथुरा नगर को पेयजल आपूर्ति अब शायद ही मिल सके। जल निगम के निर
जागरण संवाददाता, मथुरा: गोकुल बैराज से मथुरा नगर को पेयजल आपूर्ति अब शायद ही मिल सके। जल निगम के निर्माण खंड ने धनाभाव में संचालन से हाथ खड़े कर दिए हैं। अधिशासी अभियंता ने कह दिया है कि संचालन के लिए पैसा न होने पर 31 अक्टूबर से पेयजल आपूर्ति मुश्किल हो जाएगी।
मथुरा व वृंदावन नगर की पेयजल आपूर्ति के लिए 2001 में गोकुल बैराज जल शोधन संयंत्र का निर्माण किया गया था। प्लांट के संचालन के लिए बैराज पर पथकर लगाया गया था। पथकर वसूली साल 2010 तक चलती रही।
शासन ने तभी राज्य सरकार के अधीन पुलों से पथकर वसूली समाप्त कर दी, जिससे ट्रीटमेंट प्लांट के संचालन पर संकट के बादल मंडराने लगे, लेकिन वसूली समाप्त होने के बाद पहले से प्राप्त धनराशि से जिलाधिकारी के अनुमोदन पर संचालन कराया जाता रहा।
इस खाते में ब्याज की धनराशि एक करोड़ 18 लाख 33 हजार से ज्यादा जमा है, जिसका उपयोग अब तक नहीं किया गया है। इस संबंध में निर्माण खंड के अधिशासी अभियंता डीएन शर्मा ने डीएम, जल निगम के महाप्रबंधक और शासन को अवगत कराते हुए कहा है कि उक्त राशि से संचालन की अनुमति पूर्व डीएम विशाल चौहान ने अप्रैल में दी थी और नगर विकास सचिव को अंवगत कराया था।
इस राशि की स्वीकृति की प्रत्याशा में जल निगम शाखा इस महीने तक बैराज ट्रीटमेंट प्लांट का संचालन करती रही, जिसकी वजह से निर्माण शाखा पर अक्टूबर 13 से अगस्त 14 तक ही 76.90 लाख की देयता हो गयी है। यदि धनराशि मिल जाए तो दिसंबर तक बैराज स्थित संयंत्र का संचालन किया जा सकता है। संयंत्र संचालन पर सालाना एक करोड़ का व्यय आ रहा है।
तीन दिन पहले जिलाधिकारी को लिखे पत्र में अधिशासी अभियंता ने अवगत कराया है कि देनदारियां बढ़ गयी हैं और अब 31 अक्टूबर से पेयजल आपूर्ति संभव नहीं है।
जल निगम के अनुसार अगले कुछ दिन सप्लाई तो जारी रहेगी, लेकिन इसमें कमी आ सकती है। मंगलवार को शासन में पैरवी की जाएगी, तब तस्वीर साफ होगी। पालिका के जलकल अभियंता उदयराज सिंह यादव ने कहा है कि धनाभाव तो चल रहा है, पर अभी सप्लाई बंद करने की कोई सूचना उनके पास नहीं है।