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100 रुपए में ऑटो-टेंपो चलाने का 'नादान' लाइसेंस

जागरण संवाददाता, मथुरा: मालिक को अपने ऑटो में बैठी सवारियों की जान की कोई परवाह नहीं है। लाइसेंस नही

By Edited By: Published: Thu, 30 Oct 2014 11:54 PM (IST)Updated: Thu, 30 Oct 2014 11:54 PM (IST)
100 रुपए में ऑटो-टेंपो चलाने का 'नादान' लाइसेंस

जागरण संवाददाता, मथुरा: मालिक को अपने ऑटो में बैठी सवारियों की जान की कोई परवाह नहीं है। लाइसेंस नहीं है तो कोई चिंता की बात नहीं। ऑटो-टेंपो तो सिर्फ 100 रुपये में 'चलेगा'।

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गांव-देहात से लेकर शहर की सड़कों पर करीब 5000 ऑटो-टेंपो और 2000 टाटा मैजिक (छोटा हाथी) दौड़ रही हैं। स्कूली बच्चों को छोड़ने और लाने के काम में भी ज्यादातर ऑटो-टेंपो और मैजिक लगी हुई हैं। ऑटो-टेंपो और मैजिक कुछ मालिक चला रहे हैं तो कुछ को भाड़े पर चलवाया जा रहा है। ऑटो-टेंपो 24 घंटे के भाड़े पर 400 से 500 और मैजिक 800 रुपये पर भाड़े में दी जा रही हैं। ये मालिक की शुद्ध बचत है, जबकि टूट-फूट और तेल का खर्चा चालक के जिम्मे है। हादसे में वाहन के क्षतिग्रस्त होने पर 50-50 फीसद का खर्चा मालिक और चालक को उठा रहे हैं।

ऑटो चालक एसोसिएशन के अनुसार, शहर में करीब तीन दर्जन से ज्यादा लोग भाड़े पर ऑटो-टेंपो चलवा रहे हैं। लाइसेंस न होने पर उससे 100 रुपये अतिरिक्त भाड़ा ले कर वाहन दिया जा रहा है। किशोर भाड़े और अतिरिक्त दी गई रकम की वसूली के लिए ऑटो-टेंपो को ओवरलोड लेकर दिन भर सड़कों पर दौड़ रहे हैं।

यूं ही नहीं चला रहे किशोर

किशोरों द्वारा ओवरलोड और अंधाधुंध गति से ऑटो, टेंपो और मैजिक को दौड़ने के पीछे 100 रुपये का ही खेल है। उनको न एआरटीओ में रोकने की ताकत है और न ही यातायात पुलिस में हिम्मत है। वे ही तो दिन-रात सिविल पुलिस बेगार भी कर रहे हैं। कभी घायल को अस्पताल पहुंचाना है तो कभी अज्ञात शव को पोस्टमार्टम गृह पर। यहां तक कि रात को पुलिस भी इन्हीं में बैठ कर गश्त करती हुई नजर आ रही है।

भाड़े पर ऑटो-टेंपो चलवाने वालों से किशोरों को कई बार ऑटो-टेंपो न देने के लिए मना किया गया है। पर वे मान नहीं रहे हैं।

जहीर खान

ऑटो-टेंपो एसोसिएशन अध्यक्ष

वाहनों की ओवर स्पीड पर नियंत्रण हो, चौपहिया वाहन चालक सीट बेल्ट लगाएं, दुपहिया वाहन चालक हेलमेट जरूर पहनें और दो से अधिक न बैठें। दुर्घटना के समय अन्य राहगीरों को भी मानवीयता का परिचय देते हुए घायलों की मदद करनी चाहिए।

फोटो एम.टी.एच. 28

-डा. एसके बर्मन, ऑर्थोपेडिक्स सर्जन व अध्यक्ष, नर्सिग होम एसोसिएशन मथुरा

यातायात सुगम बनाने के लिए ट्रैफिक पुलिस के साथ-साथ आम लोगों को भी जागरूक होने की जरूरत है। अक्सर देखा जाता है कि यातायात पुलिस कर्मी चौराहों के बजाय दुकानों पर गप्पें हांकते रहते हैं और यातायात व्यवस्था ध्वस्त हो जाती है।

-डा. नीता सिंह, प्रधानाचार्या, रतनलाल फूलकटोरी देवी सीनियर सेकेंडरी बालिका विद्यालय,मथुरा

शहर की यातायात व्यवस्था बेहद खराब है। कृष्णा नगर में काफी चौड़ी सड़क होने के बावजूद जाम लगना अब आम हो गया है। भूतेश्वर तिराहा, बस स्टैंड, गोवर्धन चौराहा, होली गेट आदि क्षेत्रों में ट्रैफिक पुलिसकर्मी ड्यूटी ठीक से नहीं करते।

-सेठ विजय कुमार, अध्यक्ष, श्रमण ज्ञान भारती छात्रावास, जैन चौरासी

खटीक मुहल्ला मछली फाटक निवासी सूरजमुखी सक्सेना एक सुबह कूड़ा फेंकने के लिए सड़क पार कर रही थीं। तभी एक बाइक सवार ने उसे टक्कर मार दी। जिससे उसके सीधे पैर में तीन जगह से फ्रेक्चर आया है, और हाथ व सिर में भी चोट है। कहा कि अगर बाइक सवार धीमी रफ्तार से चल रहा होता तो शायद हादसा न होता।

-सूरजमुखी, खटीक मुहल्ला मछली फाटक


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