आसमान के तारे उतर आए जमीं पर
जेएनएन, मथुरा: कस्बों से लेकर गांव तक दीपावली और गोवर्धन पूजा की धूम रही। गुरुवार को मां लक्ष्मी का
जेएनएन, मथुरा: कस्बों से लेकर गांव तक दीपावली और गोवर्धन पूजा की धूम रही। गुरुवार को मां लक्ष्मी का पूजन किया तो शुक्रवार को गोवर्धन महाराज का पूजन किया गया और घर-घर अन्नकूट महोत्सव मनाया गया। दीपदान में लगा कि आसमान के तारे जमीं पर उतर आए हैं। शुक्रवार का देर रात्रि तक चारों ओर गोवर्धन महाराज के जयघोष से वातावरण भक्तिमय नजर आया।
महावन: महावन में रमण रेती स्थित स्वामी गुरुशरणानंद महाराज के आश्रम के निकट ब्रह्माड घाट का यमुना तट हजारों दीपकों से जगमगा उठा तो ऐसा लगा मानो आकाश के तारे धरा पर अवतरित हो गये हों। स्वामी गुरु शरणानंद महाराज ने विधि-विधान पूर्वक यमुनाजी का पूजन कर आरती उतारी और यमुना जी की लहरों पर दीप प्रवाहित किए। देश-विदेश से आये भक्तों ने घाट की सीढि़यों पर दीप रखे। इस अवसर पर स्वामी स्वरूपानन्द, स्वामी हरिदास, आचार्य अशोक कुमार जोशी, सुरेश चंद्र अग्रवाल, मोहन स्वरूप भाटिया, जगदीश धींगरा, जमुना प्रसाद मिश्रा, ओम प्रकाश जैन आदि उपस्थित थे। शुक्रवार को ठाकुर रमण विहारी लाल मंदिर में अन्नकूट का भोग लगाया गया। दर्शन खुलते ही रमणरेती आश्रम गिर्राज महाराज के जयकारों से गूंज उठा।
कोसीकलां: घरों एवं मंदिरों में अन्नकूट का प्रसाद बनाया गया। दोपहर होते ही गोवर्धन महाराज बनाए गए। बालाजी मंदिर, राधा माधव, बिहारी जी मंदिर, काली मंदिर, तालाब वाला मंदिर, कोठी फोड़ा मंदिर में कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। तालाबशाही पर रणछोर मंदिर पर अन्नकूट का आयोजन हुआ। इस दौरान सतवीर सांगवान, भजन लाल , रामसिंह, इंदर सिंह, हरकेश चौधरी, बलराम, रामअवतार सेठ, बुधराम, बल्ली चौधरी, परशुराम पंडित आदि उपस्थित थे। गऊशाला मार्केट में लखन लाल, सोहनलाल शर्मा, जगदीश, कलुआ, विजेंद्र, मुकेश, विजय अग्रवाल, सुनील सेठ, भजन संध्या आदि के संयोजन में गोवर्धन पूजा उत्सव मनाया गया। गांव जाव के राधा बल्लभ मंदिर, राधारानी मंदिर, दाऊजी मंदिर, गोपालजी मंदिर, ब्रजमोहन मंदिर पर भी विभिन्न कार्यक्रम हुए। इस दौरान मुक्खी भगत, शिवराम पहलवान, राधेलाल, जगदीश, ज्ञानसिंह, ओंकार सिंह, प्रहलाद, नंदन, धनीराम पंडित, मोहन पंडित आदि उपस्थित थे।
चौमुहां: कस्बे सहित आसपास के गांवों में दीपोत्सव की धूम रही। अकबरपुर के सिहाना रोड स्थित तुलसी सेवा धाम में शुक्रवार को अन्नकूट महोत्सव मनाया गया और गोवर्धन महाराज की विधि-विधान के साथ पूजा की गई। तुलसी सेवा धाम के अध्यक्ष पं. रामनिवास गौड़ ने बताया कि अन्नकूट महोत्सव पर श्रद्धालुओं को गोवर्धन पूजा का महत्व और इंद्र कोप की कथा सुनाई गई। इसके बाद अन्नकूट भंडारे का आयोजन किया गया, जिसमें सभी श्रद्धालुओं ने प्रसाद पाया।
बलदेव: दीपावली व गोवर्धन पूजा पर क्षीरसागर पर दो दिवसीय दीपदान समारोह का आयोजन किया गया। भक्तों ंने क्षीरसागर पर दीपदान व पूजा अर्चना तथा परिक्रमा कर पुण्य लाभ कमाया। शुक्रवार को दाऊजी महाराज के मंदिर में छप्पन भोग व अन्नकूट महोत्सव के दर्शन करने को श्रद्धालु उमड़ पड़े। बलदेव पब्लिक स्कूल में दीपोत्सव का आयोजन किया गया। इस दौरान अशोक सिकरवार, डॉ. अनीता सिकरवार आदि उपस्थित थे।
बरसाना: राधा रानी की नगरी में दीपावली व गोवर्धन पूजा के अवसर पर श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। बृषभान नंदनी के निज महल को दीपावली व गोवर्धन पूजा के अवसर पर रंग बिरंगी लाइटों से सजाया गया। श्रद्धालुओं ने राधारानी के दरबार में दीप जलाए। शुक्रवार को गोवर्धन पूजा के दिन सेवायतों द्वारा मंदिर परिसर में चावल के गोवर्धन बनाकर पूजा अर्चना की। घर-घर में गाय के गोबर से गिर्राज जी की प्रतिमा उकेरी। यहा तक विदेशी भक्तों ने सूजी के हलुवा से गोवर्धन बनाकर उसकी पूजा कर श्रद्धालुओं में प्रसाद वितरण किया। राया में गाव-गाव व घर-घर में गोवर्धन महाराज का पूजन किया गया। सभी ने रात को विधि विधान से पूजा की।
सुरीर: इंद्र के अहंकार को समाप्त करने के लिए भगवान श्रीकृष्ण की गोवर्धन पूजा का पर्व कस्बा सुरीर में परंपरागत रूप से घर-घर हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। घरों के आगन में गोबर से गोवर्धन की आकृति के साथ उसमें गाय, नर, नारी, ग्वाल-बाल, सूरज व चाद आदि बनाए गए। इसके बाद भगवान की पूजा अर्चना विधि-विधान से की गई। पं. विजय कृष्ण शास्त्री ने बताया कि इंद्र के अंहकार को समाप्त करने के लिए भगवान श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पूजा कराकर इंद्र का मान मर्दन किया था। इससे कुपित होकर इंद्र ने अतिवृष्टि कर दी तब भगवान श्रीकृष्ण ने तर्जनी अंगुली पर गिरि गोवर्धन पर्वत उठाकर ग्वाल-वालों एवं गाय, बछड़ो की रक्षा की थी। इस अवसर पर मंदिरों में अन्नकूट महोत्सव का प्रसाद वितरित किया गया।
राया: पांच दिवसीय दीपोत्सव के तहत राया में दिन भर लोग जाम के झाम से जूझते रहे। पुलिस को झाम खुलवाने के लिए दिन भर मशक्त करनी पड़ी। शुक्रवार को दोपहर बाद से बहनें भैया दूज के लिए मायके जाने के लिए निकल पड़ीं। वाहनों की भीड़ के कारण हाथरस, सादाबाद, बलदेव आदि मार्ग पर जाम लगता रहा।