हादसे के इंतजार में खड़ी जर्जर पेयजल टंकी
मथुरा (चौमुहां): कस्बा के बालाजी आश्रम के निकट खड़ी पुरानी पानी की टंकी सालों से जर्जर अवस्था में खड़ी
मथुरा (चौमुहां): कस्बा के बालाजी आश्रम के निकट खड़ी पुरानी पानी की टंकी सालों से जर्जर अवस्था में खड़ी है। कस्बावासियों ने नगर पंचायत से सैकड़ों बार गुहार लगाई, मगर बजट न होने का रोना अभी खत्म नहीं हुआ। यदि यह टंकी किसी दिन गिरी, तो बड़ा हादसा होने का अंदेशा रहेगा।
पेयजल टंकी न बनने से आधे कस्बे की पेयजल व्यवस्था चरमराई है। टंकी की कई साल से सफाई नहीं हुई है। इससे जुड़ी पाइप लाइन भी जगह-जगह क्षतिग्रस्त है। इसमें सीवर का पानी भी प्रवेश कर जाता है। छह महीने में पानी की टंकी में दो बंदर मर चुके हैं। कोई भी कर्मचारी इसके पास खड़ा होना तक नहीं चाहता है। नारायन सिंह, बालकिशन सिसोदिया, अशोक कुमार, डब्बू सिंह, सतपाल सिंह, श्रीगोपाल सिंह, धर्मवीर, राम निवास सिसोदिया, देवेंद्र सिंह आदि ने बताया कि उन्होंने पुरानी टंकी को बनवाने के लिए नगर पंचायत कार्यालय को ज्ञापन देकर अवगत कराया, मगर हमेशा बजट न होने की बात कहकर टहला दिया। यहां से बह्माजी जाने का प्रमुख रास्ता है, श्रद्धालु यहां से होकर दिनभर गुजरते हैं। दूसरा यहां कस्बा का प्रमुख बालाजी मंदिर भी है, जहां श्रद्धालुओं को आवागमन बना रहता है। रोहतान सिंह ने बताया कि टंकी के ठीक सामने नगला जाटवान का प्राथमिक विद्यालय भी स्थिति है, यहां सैकड़ों नौनिहाल अध्ययनरत हैं, इसके अलावा हाइवे पर जाने के लिए भी यहां से होकर कई गांवों का मुख्य रास्ता है। डर रहता है कि यदि किसी दिन टंकी गिरी, तो बड़े हादसे से इन्कार नहीं किया जा सकता। कस्बावासियों ने कहा कि यदि टंकी जल्द नहीं बनवाई गई, तो ग्रामीण डीएम से मिलकर अपनी व्यथा सुनाएंगे।
नगर पंचायत चौमुहां चेयरमैन बिहारीराम पहलवान का कहना है कि वर्षो से जर्जर, गिरासू पानी की टंकी खड़ी है, कस्बावासियों ने उन्हें कई बार इस समस्या से अवगत कराया। उन्होंने मौके पर निरीक्षण भी किया, वास्तव में टंकी गिरासू है। कभी भी कोई हादसा हो सकता है। उन्होंने जिला प्रशासन को कई बार अवगत भी कराया, मगर बजट न होने के कारण अभी टंकी नहीं बन पा रही है।