हर चाल से मात देता गया टोंटा
जागरण संवाददाता, मथुरा: कुख्यात मावी हत्याकांड में अब तक जो हुआ, वह सब टोंटा की योजना में शामिल था।
जागरण संवाददाता, मथुरा: कुख्यात मावी हत्याकांड में अब तक जो हुआ, वह सब टोंटा की योजना में शामिल था। हत्यारोपी राजेश टोंटा अपनी हर चाल से पुलिस को मात देता गया। पुलिस तक सूचना भिजवाने से लेकर गुर्गो की गिरफ्तारी और खुद के सरेंडर का प्लान टोंटा ने बनाया था। पुलिस मंगलवार को मावी की लाश फूंके जाने वाले स्थान तक पहुंच गई है और साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं। इसके साथ ही पुलिस टोंटा का रिमांड मिलने का इंतजार कर रही है।
बीते दस सितंबर को पश्चिमी यूपी के कुख्यात व अपने साथी ब्रजेश मावी को राजेश टोंटा ने अपने हाथरस स्थित घर में गोलियों से भून दिया था। इसके बाद गुर्गो से लाश को ठिकाने लगवा दिया।
सूत्रों की मानें तो ब्रजेश के साथी भाजपा नेता प्रमोद चौधरी और गोपाल को टोंटा ने पुलिस तक सूचना पहुंचाने के लिए बंधक बनाया था और फिर आजाद करवा दिया। टोंटा मावी की हत्या की खबर से पश्चिमी यूपी में अपने नाम की दहशत फैलाना चाहता था। शातिराना अंदाज में टोंटा ने ही अपने घर में की गई हत्या के सबूत इस तरह मिटाए कि फोरेंसिक लैब के एक्सपर्ट भी सबूत नहीं जुटा पाए।
सूत्रों का कहना है कि टोंटा के इशारे पर ही आगरा एत्मादपुर के बुर्जखेड़ा से दोनों भाई ओमप्रकाश और राजकुमार शर्मा को गिरफ्तार करवाया। इन दोनों भाइयों ने ही भाजपा नेता प्रमोद चौधरी और गोपाल को खेत पर बंधक बनाकर रखा था। इसके बाद मावी हत्याकांड की फील्डिंग के मुख्य रक्षक बिट्टू, ओमप्रकाश और नईम कुरैशी भी आसानी से पुलिस के हाथ लग गए थे। टोंटा का अगला पैंतरा पुलिस भांप भी नहीं पाई थी कि वह सोनू प्रधान के साथ गैंगस्टर के मामले की जमानत खारिज कराकर पुलिस और मावी गैंग के हाथ मारे जाने से पहले ही सुरक्षित जेल चला गया। जेल जाते-जाते वह मावी के मारे जाने की भी बात कहकर प्रमोद और गोपाल यादव की बतायी गई कहानी में जान फूंक गया। पुलिस टोंटा के सबसे विश्वासपात्र साथी राजकुमार को पकड़ पाती, उससे पहले वह भी अदालत में आत्मसमर्पण कर जेल चला गया। अब टोंटा अपने दोनों साथियों के साथ अलीगढ़ जेल में हैं।
इधर, मंगलवार को पुलिस टीम ने मावी के शव को जलाए जाने वाले स्थान को खोज लिया था। गांव इमलिया और पीहरीबांस के बीच नहर किनारे खेत से मिट्टी और लाश जलाए जाने के अवशेष एकत्र करने के लिए फोरेंसिक टीम डेरा डाले हुए है। एसएसपी मंजिल सैनी ने भी इसकी पुष्टि कर दी।
ये हो सकती है टोंटा अगली चाल
शातिर टोंटा की अगली चाल को उसके साथी भी नहीं जान पाते हैं, लेकिन उसके इसी शातिरपन ने पुलिस के होश उड़ा रखे हैं। शातिर टोंटा ने मावी के मारे जाने की खबर फैला कर पश्चिमी यूपी में अपनी धाक तो जमाने में कामयाब हो गया है। अब वह कानूनी शिंकजे से बचने के लिए अपनी अगली चाल भी चल चुका है। पुलिस को मावी के मारे जाने की पुष्टि करने के लिए सबूत चाहिए और वह सबूत भी पुलिस को टोंटा या फिर उसके वे साथी जो शव को ठिकाने लगा कर आए थे, हासिल करा सकते हैं। उनकी जानकारी भी टोंटा से ही मिल सकती है। टोंटा ने मावी की हत्या के समय अपनी जिस टीम को लगाया था, उसे दो घंटे बाद ही भेज दिया था और रात को दूसरी टीम शव को ठिकाने लगाने के लिए आयी थी। शव या फिर उसके अवशेष की बरामदगी को पुलिस टोंटा को रिमांड पर लेने के प्रयास कर रही है। पर पुलिस को डर है कि टोंटा मावी का शव और या फिर उसके अवशेष बरामद कराकर पुलिस को आसानी से अपने खिलाफ सबूत उपलब्ध कराने वाला नहीं है। पुलिस अवशेष बरामद कर डीएन टेस्ट की रिपोर्ट हासिल कर पाएगी, तब तक शातिर टोंटा अपने खिलाफ गवाहों को तोड़ने में कामयाब हो जाएगा।