दो साल से बजा रहे अभियान की डुगडुगी
जागरण संवाददाता, मथुरा: इलाहाबाद हाइकोर्ट ने दो साल पहले आज ही के दिन मथुरा-वृंदावन में किसी भी प्रकार की पॉलीथिन और प्लास्टिक मैटेरियल प्रतिबंधित किया था, लेकिन विक्रेता पॉलीथिन के साइज पर भ्रम पैदा किए हुए हैं तो प्रशासन भी आंख मूंदे है और बड़े हाथियों को तो अभी भी बचाया जा रहा है।
ब्रज लाइफ लाइन वेलफेयर ने मथुरा वृंदावन की यमुना में नालों के जरिए बहकर आने वाली पॉलीथिन और प्लास्टिक को निशाना बनाते हुए हाइकोर्ट में याचिका की थी, जिस पर हाइकोर्ट ने 21 सितंबर 2012 को आदेश जारी किया था कि पॉलीथिन और प्लास्टिक मैटेरियल पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया जाए और नालों के मुहाने पर लोहे की जालियां लगायी जाएं, ताकि पॉलीथिन आदि यमुना में बहकर न जा सके।
संस्था की याचिका के विरोध में प्लास्टिक मैन्यूफैक्चरिंग एसोसिएशन ने याचिका करते हुए 40 माइक्रोन से ज्यादा साइज की पॉलीथिन बेचे जाने का हवाला दिया और उसे प्रतिबंध से बाहर करने की गुहार लगायी, लेकिन हाइकोर्ट ने उक्त याचिका खारिज कर दी।
जिला प्रशासन दो साल की लंबी अवधि में भी हाइकोर्ट के आदेश का अनुपालन नहीं कर पाया है। गाहे-बगाहे छापामार अभियान चलाए जाते रहे हैं, लेकिन वे भी केवल फुटकर विक्रेताओं तक ही सीमित रहे हैं। मथुरा में करीब आधा दर्जन उत्पादन इकाइयां हैं, जबकि एक दर्जन से ज्यादा थोक व्यापारी हैं।
जिला प्रशासन ने कई बार थोक व्यापारियों की सूची हासिल की है। सिटी मजिस्ट्रेट स्वयं अवैध बिक्री रुकवाने का आश्वासन दे चुके हैं, लेकिन जानकारों के अनुसार प्लास्टिक व पॉलीथिन बनाने वाली इकाइयों को संरक्षण दिया जा रहा है।
जानकारों के अनुसार दुकानदारों ने अपने यहां बोर्ड टांग रखे हैं, जिन पर लिखा है कि उनके यहां 40 माइक्रोन से कम साइज की पॉलीथिन नहीं मिलतीं, जबकि हाइकोर्ट किसी भी साइज की पॉलीथिन को प्रतिबंधित कर चुका है। जिला प्रशासन भी 40 माइक्रोन से कम साइज वाली पॉलीथिन पर ही कार्रवाई कर रहा है।
इतना ही नहीं, यमुना में बहकर आने वाली प्लास्टिक जैसे गिलास, पत्तल, दौना आदि भी प्रतिबंधित हैं, लेकिन इस ओर से जिला प्रशासन, पालिका व प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का ध्यान ही नहीं है।
ब्रज लाइफ लाइन वेलफेयर के संयोजक महेंद्र नाथ चतुर्वेदी कहते हैं कि मथुरा-वृंदावन के लिए हाइकोर्ट के विशेष आदेश हैं। किसी भी प्रकार की पॉलीथिन और प्लास्टिक प्रतिबंधित है, लेकिन अनुपालन तनिक नहीं हो सका है।
नगर पालिका के मुख्य स्वच्छता निरीक्षक नरेश बाबू ने बताया कि पंद्रह थोक व्यापारियों की सूची बनायी गयी है, लेकिन पुलिस बल न मिल पाने के कारण अभियान नहीं चल पा रहा है।