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सब लोकन में मुकुटमणि, बरसानौ कमनीय

By Edited By: Published: Tue, 02 Sep 2014 01:00 AM (IST)Updated: Tue, 02 Sep 2014 01:00 AM (IST)
सब लोकन में मुकुटमणि, बरसानौ कमनीय

जागरण संवाददाता, बरसाना: श्रीराधा आह्लादिनी शक्ति हैं, रस-चिंतन में वे महाभाव हैं, रसोपासना में वे स्वामिनी हैं और माधुर्य में लाडिली। और जब ऐसी रास-रासेश्वरी के जन्मोत्सव का अवसर हो, तो हर्ष और उल्लास असीमित होगा ही। तीनों लोकों में मुकुटमणि बरसाना में सोमवार को प्राकट्योत्सव की पूर्व संध्या पर दिव्य आनंद और दिव्य प्रकाश की अनुभूति हो रही थी। लाडिली जू के स्वागत को ब्रज का कण-कण असीम आनंद से परिपूर्ण था। पूरा धाम सज-धजकर चमक-दमक रहा था। चारों ओर राधारानी की जय-जयकार हो रही थी।

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बरसाना की कुंज गलियों में कदम रखने तनिक भी स्थान न था। चारों दिशाओं से श्रद्धालुओं टोलियां राधे-राधे का जय घोष करते हुए ब्रह्माचल पर्वत के शिखर पर विराजमान श्रीजी मंदिर की सीढि़यां चढ़ रही थी। मंदिर में पद गायन चल रहा था और सखियां नृत्य कर भक्ति भाव में झूम रही थीं। संपूर्ण जगत श्रीजी के चरणों में नतमस्तक हो चुका हो। मंगलवार ब्रह्मा बेला में श्रीजी अवतार लेंगी। अरावली पर्वत श्रृंखला के ब्रह्माचल शिखर पर मंदिर में श्रीजी विराजमान हैं। श्रीजी के जन्मोत्सव की खुशी में आस्था और श्रद्धा का समंदर यहां की कुंज गलियों में हिलोरें भर रहा था। रंग-बिरंगी झिलमिलाती रोशनी में भक्त भाव विभोर होकर गाते-बजाते हुए नृत्य कर खुशी से झूम रहे थे। मौसम भी मेहरबान था। चांदनी को देख लग रहा था कि यहां आज रात होने वाली ही नहीं है।

राधा रानी के जन्मोत्सव की पूर्व संध्या पर सोमवार देर शाम तक पद गायन का दौर चला। उत्सव में डूबा श्री राधे का प्राचीन मंदिर सतरंगी झालरों से झिलमिला रहा था। श्रद्धालु भक्तिभाव में झूम रहे थे। देर रात तक चार-पांच लाख श्रद्धालु बरसाना आ चुके थे। विदेशी भी प्राकट्योत्सव में शामिल होने के लिए सात समंदर पार करके आ गए थे।

नंदगांव से आए पद गायन को

नंदगांव के लोग श्रीजी जन्मोत्सव की पूर्व संध्या पर श्रीजी मंदिर आ गए थे। नंदगांव और बरसाना के गोस्वामी समाज ने रात्रि तक पद गायन किया। संध्या आरती के बाद शयन आरती हुई और मंदिर के पट बंद हो गए।

कई कुंतल दूध-दही से होगा अभिषेक

मंदिर के सेवायत किशोरी श्याम गोस्वामी ने बताया कि मंगलवार ब्रह्मवेला में गायन के बाद राधा रानी का प्राकट्य होगा। कई कुंतल शहद, दही-दूध, यमुना जल से श्रीजी का अभिषेक किया जाएगा। राधा का जन्म भाद्रपक्ष की शुक्ल अष्टमी को अनुराधा व मूल नक्षत्र में होगा। मूल की शांति के लिये बरसाना के 27 कुओं, 27 पेड़ों की पत्तियों से भी अभिषेक किया जायेगा। सुबह नंदगांव के लोग बधाई लेकर बरसाना आएंगे। बधाई गायन का दौर चलेगा। वृषभानु, नंदबाबा और कीरति राधा रानी के जन्म का उत्सव मनाया जाएगा। भोग आरती की जाएगी। शाम को श्रीजी डोले में बैठकर गर्भग़ृह से मंदिर प्रांगण में बनी संगमरमर की छतरी में आकर भक्तों को दर्शन देंगी।

रावल में भी शुरू महोत्सव

मथुरा: रावल में भी छठी पूजन के साथ राधाष्टमी महोत्सव शुरू हो चुका है। मंगलवार सुबह सात बजे राधारानी का अभिषेक होगा। पूरा मंदिर आकर्षक सजावट से झिलमिला रहा था। सुबह मंगला आरती होगी और सुबह सात बजे से अभिषेक के दर्शन होंगे। सुबह दस बजे से श्रृंगार के दर्शन और 12 बजे से प्रसाद वितरित किया जाएगा। दोपहर तीन बजे से गौड़ीय मठ के लोग संकीर्तन करेंगे। मंदिर के महंत ललित मोहन कल्ला ने बताया कि राधाष्टमी महोत्सव की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं।


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