बदइंतजामियों का नमूना है हैजा अस्पताल
जागरण संवाददाता, मथुरा (वृंदावन): यदि रोगी-तीमारदार वृंदावन के हैजा अस्पताल में आ रहे हैं, तो साथ में पीने का पानी लेकर आएं। हैंडपंप महीनों से खराब पड़ा है और पाइप लाइन टूटी पड़ी है। यहां चतुर्थ श्रेणी (वार्ड आया) दवाएं बांटती हैं।
अस्पताल कर्मियों की कार्यप्रणाली देखिये, यह अस्पताल कितने बेड का है, इसकी जानकारी न तो डॉक्टर को न ही वार्ड आया को। वार्ड आया द्वय प्रभा रानी पांडेय और कमला ने हैजा अस्पताल में रोगियों को भर्ती करने के लिये दस-बारह बैड बताया तो एक मात्र डॉक्टर सुशील कुमार ने 14-16 बैड का। हकीकत यह कि अस्पताल में दस बैड ही हैं। पीने के पानी की व्यवस्था न होने से सभी स्वास्थ्य कर्मी पानी घर से ही लेकर आते हैं। अस्पताल परिसर में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का निर्माण कार्य कराया जा रहा है। करीब छह माह पहले कार्य के दौरान पाइप लाइन टूट गई थी, इसे ठीक कराने की जरूरत अब तक नहीं समझी गई है। हैजा अस्पताल में तैनात फार्मासिस्ट सीएमओ कार्यालय से संबद्ध होकर सीएमओएसडी में कार्य कर रहे हैं, जबकि इस अस्पताल में वार्ड आया रोगियों को दवा थमाती हैं। डॉ. सुशील कुमार ने बताया कि विभाग की व्यवस्थाएं यहीं हैं, क्या किया जा सकता है।
दस रुपये लाओ, जच्चा-बच्चा कार्ड बनवाओ
सरकारें सरकारी अस्पतालों में प्रसव को बढ़ावा देने के लिये हर संभव कोशिश कर रही हैं। इसके विपरीत हैजा अस्पताल में गर्भवती महिलाओं और नवजात शिशुओं को टीका लगाने के लिये जच्चा-बच्चा कार्ड दस रुपये लेकर ही बनाया जाता है। जबकि यह फ्री बनने चाहिए। बुधवार को यहां टीका लगवाने आई गोविंद कुंड की हेमलता, गोधूलिपुरम की ममता और दुसायत निवासी विजय ठाकुर ने स्वास्थ्य कर्मियों पर दस रुपये लेकर कार्ड बनाने का आरोप लगाया।
टीकाकरण केंद्र पर कोई सुनने वाला नहीं
टीकाकरण केंद्र पर तैनात एएनएम मीना शर्मा और रानी शर्मा उपस्थित नहीं थीं। जबकि राल स्वास्थ्य केंद्र के यहां सब सेंटर पर ड्यूटी करने वाली एएनएम ऊषा चौधरी इनकी ड्यूटी कर रही थीं। अस्पताल के टीकाकरण केंद्र पर बुधवार को डीपीटी, पोलियो और हेपेटाइटिस के टीके भी उपलब्ध नहीं थे। इस कारण टीकाकरण कराने आये शिशुओं और उनके अभिभावकों को बैरंग लौटना पड़ा।
लैब नहीं, फिर भी अटेंडेंट
हैजा अस्पताल में मलेरिया आदि बीमारियों की जांच के लिये लैब नहीं है, फिर भी सीएमओ कार्यालय ने यहां लैब अटेंडेंट की तैनाती कर रखी है।
एआरबी और एंटी स्नैक वीनम इंजेक्शन नहीं
मेडिकल स्टोरों पर दवाओं को रखने के लिये फ्रीज की अनिवार्यता है, लेकिन इस अस्पताल में कई साल से फ्रिज नहीं। दो साल पहले टूटने के बाद फ्रिज कहां गया, नहीं मालूम। नया फ्रिज भी नहीं आया। इस कारण कुत्ता काटे के इलाज का इंजेक्शन एआरबी और सांप काटे के इलाज का वैक्सीन एंटी स्नैक वीनम यहां उपलब्ध नहीं।