लाड़ली के दर्शन को बालरूप में आए थे प्रियेश्वर महादेव
मथुरा (बरसाना): ब्रज में देवादि देव महादेव की लीला ही अजब निराली है। कहीं बाल रूप में विराजमान हैं तो कहीं योगीरूप में। भगवान श्रीकृष्ण व राधारानी की लीलाओं के सबसे बड़े साक्षी भोलेनाथ हैं, जिन्होंने प्रिया प्रियतम की बाल लीलाओं का आनंद लिया। आज भी बृषभान नंदनी के पावन धाम में भोलेनाथ छोटी सी पिंडी के रूप में विराजमान हैं।
मान्यता है कि प्राचीन पीली पोखर पर रोज शाम को राधारानी अपनी सहचारियों के संग नित्य बिहार करने आती थीं। एक दिन भोलेनाथ की बृषभान नंदिनी के दर्शन करने की मंशा जागी। भोलेनाथ राधारानी के नित्य बिहार स्थल पीली पोखर पर जा पहुंचे। सुबह से शाम हो गई, परंतु राधारानी नहीं आई, तभी देखते हैं कि राधारानी अपनी सखियों के साथ पीली पोखर पर आ रही हैं। मंदिर के पुजारी ब्रजभूषण शास्त्री ने बताया कि राधारानी व उनकी सखियों के बालरूप को देखकर महादेव मंत्रमुग्ध हो गये और सोचने लगे कि यह छोटी-छोटी हैं, कहीं उन्हें देखकर डर न जाएं। बस राधा के दर्शन लालसा रखते हुए भोलेनाथ बालरूप में वहीं विराजमान हो गये। जब राधारानी पीली पोखर पर बालरूप भोलेनाथ को देखती हैं तो अपनी सहचारियों से कहती हैं कि देखो कितना सुंदर बाल जोगी बैठा है।