केनवास पर जीवंत होगा वृंदावन का पौराणिक स्वरूप
शरद अवस्थी, मथुरा (वृंदावन):
राधा-श्याम की ओट ले विश्व में अपनी चित्रकारी का परचम लहरा चुके प्रख्यात चित्रकार द्वारिका आनंद वृंदावन के पौराणिक स्वरूप को कला के माध्यम से दर्शाने की कोशिश कर रहे हैं। इस जीवंत वीथिका को अगले महीने देश की जानी मानी हस्तियों के सामने वृंदावन में आयोजित प्रदर्शनी में सार्वजनिक किया जाएगा। इस विशाल चित्र की 15 मिनट की वीडियो फिल्म भी बनाई जा रही है।
दस फुट चौड़े और साढ़े चार फुट लंबे केनवास पर पौराणिक वृंदावन के स्वरूप को उकेरने का उनका सपना पूरा हो चुका है। इसे चित्रकार पिछले एक साल से तैयार कर रहे हैं। उनका विश्वास है कि सप्त देवालय के 'सात ठाकुर जी' के बाद उनकी यह रचना बेजोड़ होगी। अमेरिका की आठ आर्ट गैलरियों में वृंदावन के चित्रकार द्वारिका आनंद की हर चित्र वीथिका प्रशंसा पाती है। रमणरेती मार्ग, हनुमान मंदिर स्थित श्रीमुक्तानन्द चित्र वीथिका में भी उन्होंने अपनी चित्रकारी के बेहतरीन नमूने से रूबरू कराया। श्रीराधाकृष्ण और बांके बिहारी के कुछ चित्रों को तो तीन कोणों से देखने पर उसके अलग-अलग भाव परिलक्षित होते हैं। उन्होंने बताया कि अगले महीने में वृंदावन में चित्र प्रदर्शनी में देश के जाने माने कलाकारों और विख्यात हस्तियों के अलावा केंद्रीय संस्कृति मंत्री श्रीपाद नायक और शंकराचार्य भी भाग लेंगे। तिथियों का निर्धारण होना अभी बाकी है।
सप्त देवालय के 'सात ठाकुरजी' एक साथ
चित्रकार द्वारिका आनंद ने तीन वर्ष पूर्व 500 साल पुराने वृंदावन के सप्त देवालयों में विराजे 'सात ठाकुरजी' के विग्रह का करीब से अध्ययन किया और और उन्हें एक साथ एक ही केनवास पर उतार दिया। सप्तदेवों की उनकी एक लाख पेंटिंग्स पूरे विश्वभर में हाथों हाथ बिक गई।