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पूरी दुनिया में ठनठनाएंगे मथुरा के लड्डू गोपल

By Edited By: Published: Sat, 28 Jun 2014 12:01 AM (IST)Updated: Sat, 28 Jun 2014 12:01 AM (IST)
पूरी दुनिया में ठनठनाएंगे मथुरा के लड्डू गोपल

जागरण संवाददाता, मथुरा: पूरी दुनिया में मथुरा के लड्डू गोपाल ठनठनाने को तैयार हो रहे हैं। उन्हें सजाया और संवारा जा रहा है। ऐसा मनमोहक रूप दिया जा रहा है कि भक्त एक नजर देखेंगे, तो देखते ही रह जाएंगे। सावन और भादों में यहां आने वाले श्रद्धालु अपने ठाकुरजी को साथ ले जाना नहीं भूलते हैं।

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चातुर्मास शुरू होने से पहले ही अलीगढ़, हाथरस, इगलास, मुरादाबाद आदि स्थानों से ठाकुरजी मंगाए जा रहे हैं। वहां इनको ढाला जाता है और नक्काशी की जाती है, तो मथुरा में इसको निखारा जाता है। फिनिशिंग और श्रृंगार किया जाता है। सावन में बाजार भी झूमने की तैयारी में है। गुजरात, दिल्ली, मध्य-प्रदेश, राजस्थान आदि प्रदेशों से इनकी डिमांड आने लगी है। भगवान श्रीकृष्ण की जन्म और क्रीड़ा स्थली होने के कारण उनसे संबंधित वस्तुओं के कारोबार का मथुरा केंद्र है। यहां से श्रृंगार का सामान और भगवान की मूर्तियों को लेना श्रद्धालु भी शुभ समझते हैं।

सावन से शुरू हुई बिक्री भादों में चरम पर पहुंच जाती है। थोक विक्रेता अजय गोयल बताते हैं कि सावन-भादों में बाजार भी झूमता है। दिल्ली से आए व्यापारी पंकज अग्रवाल बताते हैं कि राजधानी में सावन-भादों में ठाकुरजी की डिमांड रहती है।

पीतल के ठाकुरजी की रहती है डिमांड

बाजार में पीतल के ठाकुरजी की सबसे ज्यादा डिमांड रहती है। इनकी कीमत 25 से लेकर दो हजार रुपये तक रहती है। जस्ते के ठाकुरजी 15 से 100 तो एल्यूमीनियम के 10 से 50 रुपये तक बिकते हैं।

लगभग 50 करोड़ का है व्यवसाय

एक वर्ष में ठाकुरजी की मूर्ति और श्रृंगार का 50 करोड़ से ज्यादा का व्यवसाय हो जाता है। इस वर्ष चुनाव के कारण व्यापारी मंदी मान रहे हैं, लेकिन उम्मीद है कि 50 करोड़ का व्यवसाय तो होना ही चाहिए।

चाइनीज लड्डू गोपाल भी आए

बेहतर साज-सज्जा और पीतल के लड्डू गोपाल कम मूल्य के कारण श्रद्धालुओं की पंसद बने हैं। यह लड्डू गोपाल भारत में चाइना से पहुंच रहे हैं। रंग और डिजायन खिली-खिली नजर आती है। मेरठ और दिल्ली में भी यह तैयार हो रहे हैं। कान्हा यूपी हैंडीक्राफ्ट के संचालक कन्हैया बताते हैं कि दुकान पर स्टॉक करना शुरू कर दिया है।

आस्था का केंद्र रहता है ब्रज

सावन-भादों में मथुरा श्रद्धालुओ की आस्था का केंद्र रहता हैं। मंदिरों में हिंडोले, घटाएं, फूल बंगला आदि सजते हैं। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी और राधाष्टमी इन दो महीनों के महत्व को और बढ़ा देती हैं।


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