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भारत सरकार को नहीं मान रहा बैंक और बाजार

जागरण संवाददाता, मथुरा: केंद्र में भले ही भारी बहुमत वाली नरेंद्र मोदी की सरकार चल रही ह

By JagranEdited By: Published: Thu, 17 Aug 2017 11:48 PM (IST)Updated: Thu, 17 Aug 2017 11:48 PM (IST)
भारत सरकार को नहीं मान रहा बैंक और बाजार
भारत सरकार को नहीं मान रहा बैंक और बाजार

जागरण संवाददाता, मथुरा: केंद्र में भले ही भारी बहुमत वाली नरेंद्र मोदी की सरकार चल रही हो, मगर बाजार भारत सरकार को नहीं मान रहा है। भारत सरकार द्वारा जारी होने वाले दस रुपये के सिक्के को न दुकानदार ले रहे हैं और न ही सार्वजनिक बैंक। लीड ¨सडीकेट बैंक बाजार में फैली अराजकता को कम करने की लगातार कोशिश कर रहा है लेकिन लोग सिक्के को लेकर फैली अराजकता के शिकार हो रहे हैं।

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पिछले साल नोटबंदी के दौरान इन्हीं सरकारी बैंकों ने 1000 और 500 के नोट बदलने वालों को थोक में 10-10 रुपये के सिक्के दिए थे। इसका असर यह हुआ कि छोटे व्यापारी भी औसतन 10 हजार रुपये कीमत के 10 रुपये के सिक्के लिए बैठे हैं। आम जन खुदरा चीजों के लिए दस रुपये के 1-2 सिक्के भी लेकर दुकानों पर जा रहे हैं तो उन्हें लौटाया जा रहा है।

दुकानदारों का कहना है कि वे क्या करें, बैंक उनसे 10 रुपये के सिक्के स्वीकार नहीं कर रहे। बैंकों के प्रबंधन व्यवहारिक दिक्कतों का तर्क दे रहे हैं। उनका कहना है कि खातेदार एक साथ हजारों रुपये कीमत के सिक्के ला रहे हैं, इन्हें गिनने के लिए उनके पास स्टाफ नहीं है। लीड ¨सडीकेट बैंक भी इस मामले में असहाय बना हुआ है। उसका कहना है कि अभी तक ऐसी कोई शिकायत नहीं आई है, लेकिन बैंक 10 रुपये के सिक्के लेने से मना नहीं कर सकते। लीड ¨सडीकेट बैंक ने अपनी ओर से सभी सरकारी बैंकों को अपनी तरफ से अभी तक कोई नोटिस नहीं दिया है।

बैंकों प्रबंधकों का एक तर्क यह भी है कि 10 रुपये का सिक्का बाजार के सर्कुलेशन के लिए है, न कि बैंक में जमा करने के लिए, लेकिन दिक्कत यह है कि जब व्यापारी के यहां जमा 10 रुपये के सिक्के बैंक नहीं लेंगे तो वह ग्राहक से कब तक रेजगारी इकट्ठा करता रहेगा। हकीकत यह है कि बाजार में 10 रुपये का सर्कुलेशन पूरी तरह रुका हुआ है और मजदूर, किसान, दिहाड़ी पर काम करने वाले लोगों से लेकर गरीब और मध्य वर्ग तक के लोग बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं।

हमने अपनी सभी शाखाओं को 10 रुपये के सिक्के जमा करने के निर्देश दिए हुए हैं। किसी अन्य शाखा में भी जहां थोक में 10 रुपये के सिक्के जमा कराने को लाए जा रहे हैं, वहां स्टाफ की वजह से हो सकता है कि मना किया जा रहा हो, लेकिन बैंक ऐसा नहीं कर सकते। ऐसी शिकायत मिलने पर आरबीआई को लिखने से कतई गुरेज नहीं किया जाएगा।

प्रमोद कुमार शर्मा

चीफ मैनेजर

लीड ¨सडीकेट बैंक, मथुरा

-भारत सरकार के हैं सिक्के:

बाजार में मुद्रा के प्रवाह के लिए भारतीय रिजर्व बैंक जहां नोट जारी करती है, वहीं एक, दो, पांच और दस रुपये के सिक्के भारत सरकार द्वारा जारी किए जाते हैं, लेकिन इनका वितरण आरबीआई के जरिए ही किया जाता है।

--आरबीआई का सर्कुलर फेल:

आरबीआई का एक सर्कुलर है कि कोई भी बैंक किसी भी खातेदार से 1000 रुपये कीमत तक के 10 रुपये के सिक्के जमा करने से इन्कार नहीं कर सकता। यदि ऐसा करता है तो उस शाखा प्रबंधक पर भारतीय मुद्रा के खिलाफ काम करने के आरोप में कार्यवाही हो सकती है।


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