गोतस्करी के मुकदमे में भी पुलिस का खेल
कुरावली (मैनपुरी): कुरावली क्षेत्र में ताबड़तोड़ फाय¨रग कर दहशत फैलाने वाले गोतस्करों का पुलिस सुराग
कुरावली (मैनपुरी): कुरावली क्षेत्र में ताबड़तोड़ फाय¨रग कर दहशत फैलाने वाले गोतस्करों का पुलिस सुराग नहीं लगा सकी। पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज करने में भी खेल कर दिया। गोतस्करों की संख्या काफी थी, लेकिन केवल आधा दर्जन अज्ञात के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई है। जिन तीन टैंकर और एक स्विफ्ट कार को तस्कर ले भागे, उसका भी उल्लेख नहीं किया गया। यही नहीं, रात के अंधेरे में चली गोलियां का जिक्र भी पुलिस ने एफआइआर में नहीं किया है। इसे लेकर ग्रामीणों में पुलिस के खिलाफ आक्रोश है। ग्रामीणों का आरोप है कि कुरावली पुलिस गोतस्करों को बचाना चाहती है।
शुक्रवार रात कुरावली क्षेत्र में लखौरा रोड पर निर्माणाधीन रतीराम मेडिकल कॉलेज के पीछे ग्रामीणों व गोतस्करों के बीच मुठभेड़ में दोनों ओर से कई राउंड गोलियां चलीं। गोतस्करों के पास चार कंटेनर, एक ट्रक व एक स्विफ्ट कार थी। ग्रामीणों के दबाव पर गोतस्कर गोवंश से लदे तीन कंटेनर व कार लेकर भाग गए। एक ट्रक व एक कंटेनर मौके पर ही छूट गया। ग्रामीणों ने दोनों वाहनों में लदे गोवंश मुक्त कराए। इस दौरान ग्रामीणों की इंस्पेक्टर कुरावली नौशाद अहमद से झड़प भी हुई थी। पुलिस ने जो मुकदमा दर्ज कराया, उसमें गो तस्करों की संख्या 5-6 लिखाई है। गोवंश की संख्या में 85 गाय, 50 बछड़े तथा 15 बैलों का जिक्र किया गया है। जो तीन कंटेनर और एक स्विफ्ट मौके से भाग गई, उसका कोई जिक्र नहीं किया गया। यही नहीं, ग्रामीणों और तस्करों के बीच हुई अधाधुंध फाय¨रग का भी जिक्र एफआइआर में नहीं है।
गोतस्करों की संख्या आधा सैकड़ा से अधिक थी, लेकिन रिपोर्ट में सिर्फ छह अभियुक्तों का उल्लेख किया गया है। ग्रामीणों का कहना है कि मौके पर मिले गोवंश की तुलना में काफी कम गोवंश बरामद होने की बात कही गई। तस्करों के वाहनों के नंबर मौजूद होने के बाद भी पुलिस ने वाहन स्वामियों के संबंध में कोई जानकारी नहीं जुटाई है। ग्रामीणों ने पुलिस पर कमजोर मुकदमा दर्ज करने का आरोप लगाया है।
उधर, सीओ कुरावली शमशेर ¨सह का कहना है कि पुलिस ने जो कार्रवाई की है, वह सही है। मौके पर फाय¨रग नहीं की गई और न ही कोई वाहन वहां से भागा।
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गोतस्करों का मुफीद गढ़ बना जिला
- मैनपुरी के रास्ते एटा, अलीगढ़ और रामपुर तक जाते हैं
जागरण संवाददाता, मैनपुरी: गोतस्करी की घटनाएं जिले में थम नहीं रही हैं। गोतस्करों के लिए जिला मुफीद गढ़ बनता जा रहा है। मैनपुरी होकर आसपास के जिलों में गोवंश की तस्करी की जा रही है। इटावा की ओर से रामपुर, अलीगढ़ आदि के लिए गोवंश मैनपुरी के रास्ते वाहनों से भेजा जाता है। इसके लिए हाईवे के बजाए ग्रामीण क्षेत्रों के मार्गों को चुना जाता है।
सिरसागंज की ओर से बरनाहल अथवा करहल आने के बाद गोवंश लदे वाहन घिरोर क्षेत्र में पहुंचते हैं। यहां से औंछा से सकीट, एटा तक गोतस्करी होती है। वहीं, कुरावली होकर एटा की ओर से भी गोतस्कर जिले में दाखिल होते हैं। दो वर्ष पहले कुरावली के एक उपनिरीक्षक ने गोवंश लदे वाहन को सुरक्षित पास कराने के लिए डेढ़ लाख रुपये की रिश्वत ली थी। बाद में मामले ने तूल पकड़ा, तो एसआइ के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।
शहर कोतवाली का एक गांव भी गोतस्करी को लेकर सुर्खियों में रहता है। पुलिस ने अब तक यहां कई बार छापेमारी कर गोवंश और गोमांस बरामद किया। डेढ़ वर्ष पहले तत्कालीन सीओ सिटी शैलेंद्र लाल ने दो सैकड़ा पुलिस कर्मियों के साथ सिकंदरपुर में गोकशों के खिलाफ अभियान चलाया था। दर्जनों गोवंशीय घरों तथा झाडि़यों से बरामद किए गए।
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दो माह में ये हुईं घटनाएं
2 जनवरी : कुरावली क्षेत्र में नगला कोठी के पास गोवंश से लदा ट्रक सड़क पर पलट गया। गोतस्कर ट्रक छोड़कर फरार हो गए। पुलिस ने गोवंश मुक्त कराया।
11 जनवरी : एलाऊ के गांव पहाड़पुर में अभियुक्तों ने गोवध किया, जिससे गांव में तनाव फैल गया था। पुलिस को मशक्कत करनी पड़ी।
22 जनवरी : शहर कोतवाली इलाके में औंछा बाइपास रोड पर एक वाहन से 11 बछड़े मुक्त कराए। गोतस्कर फरार हो गए। वाहन को कब्जे में लिया गया है।
24 जनवरी : शहर कोतवाली क्षेत्र में जेल तिराहे के पास एक वाहन से एक दर्जन गोवंश मुक्त कराया गया। एक गोतस्कर भी पकड़ा गया।
1 फरवरी : औंछा क्षेत्र में नगला देवी के पास एक लोडर से 15 बछड़े पुलिस ने मुक्त कराए थे। लेकिन गोतस्कर पुलिस को चकमा देकर भाग जाने में सफल हो गए थे।
15 फरवरी : दन्नाहार क्षेत्र में जसवंतपुर मोड़ के पास गोवंश से लदा ट्रक खराब हो जाने पर गोतस्कर ट्रक को छोड़कर फरार हो गए। ट्रक से 38 बछड़े मुक्त कराए गए।
24 फरवरी : कुरावली क्षेत्र में रतीराम मेडिकल कॉलेज के पीछे ग्रामीणों से गोतस्करों की मुठभेड़ के बाद गोवंश मुक्त कराया गया, दो वाहन बरामद।
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