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एमडीएम योजना में हिचकोलों का ब्रेक

By Edited By: Published: Tue, 11 Dec 2012 06:28 PM (IST)Updated: Tue, 11 Dec 2012 06:31 PM (IST)
एमडीएम योजना में हिचकोलों का ब्रेक

मैनपुरी: प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षा का स्तर सुधारने और कुपोषित बच्चों को स्वास्थ्य वर्धक भोजन खिलाने की योजना के साथ शिक्षित करने की शासन की मंशा विभागीय अधिकारियों की लापरवाही की भेंट चढ़ गयी है। बीते पांच माह से न तो शिक्षा समिति के खातों में खाना बनाने के लिए कन्वर्जन मनी पहुंची हैं, न ही रसोइयों को 5 माह से मानदेय मिला है। जबकि शासन द्वारा विभाग को ग्रांट बहुत पहले भेजी जा चुकी है।

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शासन द्वारा दो किस्तों में कन्वर्जन मनी और रसोइयों के मानदेय की ग्रांट भेजी जा चुकी है। सूत्र बताते हैं कि मध्याहन भोजन योजना के जिला समन्वयक नितिन भार्गव द्वारा अब तक योजना में ब्लॉकवार सभी विद्यालयों के एमडीएम उपभोग प्रमाण पत्र उपलब्ध नहीं कराये गये हैं, जिसे लेकर कई बार वित्त एवं लेखाधिकारी शीलेंद्र कुमार यादव द्वारा विभाग को मौखिक चेतावनी भी दी जा चुकी है।

करीब 10 दिन पहले भी उन्होंने एमडीएम प्रभारी को फटकार लगायी थी कि वह तत्काल उपभोग प्रमाण पत्र दें, फिर भी उपभोग प्रमाण वित्त एवं लेखा कार्यालय को नहीं मिल सके हैं। जिससे कन्वर्जन कास्ट और रसोइयों का मानदेय खातों में पहुंच सके।

बताते चलें कि जनपद में 1494 प्राथमिक, 547 उच्च प्राथमिक विद्यालय हैं। सूत्रों के मुताबिक गत सोमवार को 149 विद्यालयों में खाना बना जबकि शेष 32 विद्यालयों में कहीं खाद्य सामग्री तो कहीं रसद न होने से बच्चों दोपहर का भोजन नहीं मिल सका। सितंबर माह में भी 60 प्रतिशत विद्यालयों में करीब 25 दिनों तक प्रधानाध्यापकों ने कन्वर्जन मनी न पहुंचने से खाना बनवाना बंद हो गया।

लेकिन इस बीच निरीक्षण को आये एमडीएम समन्वयक आगरा मंडल के निर्देश पर एमडीएम पुन: शुरू कराया गया। प्राथमिक विद्यालय चौथियाना, देवी रोड, उच्च प्राथमिक विद्यालय चौथियाना, देवी रोड सभी जगह शिक्षक अपनी जेब से एमडीएम बनवा रहे हैं। लेकिन विभाग द्वारा अब तक एमडीएम योजना को सुचारू बनाने के प्रयास नहीं किये जा रहे हैं।

रसोइयों के घर के चूल्हे ठंडे

पूर्व माध्यमिक विद्यालय देवी रोड की रसोइया राधा देवी समय पर बच्चों की रसोई तैयार कर देती है, लेकिन उसके खुद के घर का चूल्हा बीते पांच माह से ठंडा पड़ा है।

प्राथमिक विद्यालय की रसोइया रजनी भी अपने घर में इसी मानदेय से अपने परिवार के लिए दो वक्त की रोटी जुटाती है। लेकिन विभाग से जवाब मिलता है कि अभी इंतजार करो, अभी शासन से ही पैसा नहीं आया है। यही हाल अन्य विद्यालयों में तैनात रसोइया मीरा, रामकली, रामबेटी, विमल, सियाराम आदि का है जिन्हें बीते पांच माह से मानदेय नहीं मिला है, जिससे वह भुखमरी की कगार पर हैं।

बताते चलें कि रसोइयों को प्रतिमाह एक हजार रुपये मिलते हैं, इस समय जनपद में 2068 रसोइये तैनात हैं, जिन्हें जुलाई से अब तक मानदेय नहीं मिला है। जिनके लिए शासन द्वारा करीब तीन माह पूर्व एक करोड़ 34 लाख रुपये धनराशि विभाग को आवंटित की जा चुकी है। लेकिन विभागीय ढिलाई के चलते मानदेय के लिए रसोइये के अपने घर के चूल्हे बुझे हुए हैं।

भोगांव: सुल्तानगंज ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय और पूर्व माध्यमिक विद्यालय नगला कोठी में कन्वर्जन मनी न निकलने से उक्त दोनों विद्यालयों में विगत एक माह से भोजन नहीं बना है। उर्दू प्राथमिक विद्यालय भोगांव में गेहूं, चावल का स्टॉक बीते एक माह से समाप्त हो चुका है और प्राथमिक विद्यालय विछवां में विगत 15 दिनों से कन्वर्जन मनी न मिलने से भोजन नहरीं बन पा रहा है। जबकि रसोइयों को बीते 6 माह से मानदेय नहीं मिला है।

बिछवां: दलीपपुर कैलई में एक सप्ताह से धारापुर, नगला जीसुख, बीलों, जमथरी में बीते 3 दिनों से और नगला कांकन, बबीना में गत सोमवार से भोजन बनना बंद है क्योंकि कहीं भोजन की रसद ही नहीं है तो कहीं मानदेय न मिलने से रसोइया नहीं आ रहे हैं।

बीएसए ने दिए निर्देश

बेसिक शिक्षा अधिकारी वीरपाल सिंह यादव ने बताया कि उन्होंने सभी विभागीय अधिकारियों को निर्देशित कर दिया है। इसके अलावा वेतन रोकने के निर्देश वह पहले ही दे चुके हैं। इस सप्ताह हर हाल में जुलाई से सितंबर तक का रसोइयों को मानदेय और अगले सप्ताह कन्वर्जन मनी खातों में पहुंच जायेगी।

प्रमाण पत्र मिलने का इंतजार

वित्त एवं लेखाधिकारी शीलेंद्र कुमार ने बताया कि उन्होंने उच्चाधिकारियों को उपभोग प्रमाण पत्र को लेकर सारी जानकारी दे दी है। फिलहाल वह संबंधित विभाग प्रमाण पत्र मिलने का इंतजार कर रहे है।

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