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एमडीएम में नहीं पक रहा भोजन

By Edited By: Published: Thu, 12 Apr 2012 10:49 PM (IST)Updated: Thu, 12 Apr 2012 10:53 PM (IST)
एमडीएम में नहीं पक रहा भोजन

मैनपुरी: पढ़ाई के साथ-साथ बच्चों को पुष्टाहार भी मिले जिसके लिये सर्व शिक्षा अभियान के अंतर्गत परिषदीय विद्यालयों में शासन द्वारा शुरू की गई मध्यान्ह भोजन योजना फिलहाल खुद पोषित नहीं हो पा रही है जिससे कई विद्यालय के बच्चों को मध्यान्ह भोजन नहीं मिल पा रहा है।

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उल्लेखनीय है कि जनपद में 1494 प्राथमिक विद्यालय व 547 उच्च प्राथमिक विद्यालय हैं जिनमें पौने दो लाख से अधिक छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं। इन छात्रों में से हजारों छात्र केवल इस उम्मीद पर विद्यालय आते हैं कि उन्हें खाने के लिये भोजन मिलेगा लेकिन ग्राम प्रधानों की हठधर्मिता के कारण जिले के करीब एक सैकड़ा से अधिक ऐसे विद्यालय हैं जिनमें पिछले दो माह से भोजन नहीं बन सका है और छात्रों को मध्यान्ह भोजन नहीं मिल पा रहा है।

प्रधानाध्यापकों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि ग्राम प्रधान कन्वर्जन मनी नहीं दे रहे हैं, जिससे भोजन नहीं पक पा रहा है। पहले तो प्रधानाध्यापकों ने अपनी जेब से रुपया लगाकर भोजन पकवाया ताकि बच्चों को भोजन मिल सके लेकिन प्रधानाध्यापकों का कहना है कि कब तक अपनी जेब से कन्वर्जन मनी लगाते रहेंगे। प्रधानाध्यापकों का कहना था कि ग्राम शिक्षा निधि खाते में कन्वर्जन मनी पहुंच चुकी है लेकिन उन्हें कन्वर्जन मनी का पैसा नहीं मिल पा रहा है जिससे शासन की सर्व शिक्षा अभियान योजना को पलीता लग रहा है।

सूत्रों की मानें तो इस समय प्राइमरी विद्यालयों का समय सुबह का हो गया है जिस कारण कई विद्यालयों के प्रधानाध्यापक इस बात से निश्िचत रहते हैं कि अधिकारी विद्यालय का निरीक्षण करेंगे और वह इसी बात का फायदा उठाकर कन्वर्जन मनी होने के बावजूद भी खाना नहीं बनवाते हैं। यही नहीं समय से पहले ही विद्यालयों में ताला पड़ जाता है और शिक्षक अपनी खानापूर्ति कर अपने-अपने घर को चले जाते हैं।

सूत्रों के मुताबिक नगर क्षेत्र के कई विद्यालय जो बीएसए दफ्तर के आस-पास मौजूद हैं। इन विद्यालयों में भी एक बजे से पहले ही बच्चों की छुट्टी कर दी जाती है और भोजन भी नहीं दिया जाता है।

कम छात्रों को परोसा जा रहा है भोजन

मैनपुरी :जिन विद्यालयों में मिड डे मील बन भी रहा है तो वहां छात्र संख्या कुछ और दर्शायी जा रही है जबकि भोजन उपस्थित संख्या से काफी कम बच्चों को परोसा जा रहा है। इस संबंध में प्रभारी बीएसए राजेश चन्द्र द्विवेदी का कहना है कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है और वह निरीक्षण अभियान चलाकर स्थिति को परखेंगे। जहां तक कुछ विद्यालयों में भोजन न बनने की बात है, अब लगभग सभी परिषदीय विद्यालयों में खाद्य सामग्री आवंटित करा दी गई है। फिर भी वह इसका निरीक्षण कर पता लगायेंगे कि विद्यालयों में मिड डे मील क्यों नहीं बन रहा है।

इनर

कुरावली संवाददाता के अनुसार: विकास क्षेत्र के ग्राम लुखुरपुरा स्थित प्राथमिक विद्यालय में शासन की मंशा अनुरूप बच्चों को पिछले डेढ माह से मिडडे मील नहीं मिल रहा है। जब कि शासन से साफ निर्देश है कि हर हालत में विद्यालयो में मिडडे मील का संचालन आवश्यक रूप से किया जाये। उक्त विद्यालय में 49 बच्चे पंजीकृत है जिनमें से लगभग 30 से 35 बच्चे की उपस्थिति रहती है।

इस सम्बन्ध में प्रधानाध्यापिका रेखा रानी का कहना है कि ग्राम प्रधान द्वारा कन्वर्जन मनी नही निकाले जाने के कारण विद्यालय में मिडडे मील का संचालन नही हो पा रहा है। चार माह से खुद के पैसे से मिडडे मील संचालित किया है। जिसका पैसा भी अभी तक हमें नही मिला है। वही ग्राम प्रधान हीरा लाल का कहना है कि प्रधानाध्यापिका रेखारानी द्वारा नगद धनराशि दिये जाने की मॉग की गई थी जिस पर मैंने सम्बन्धित दुकानदार के नाम चेक काटने को कहा था, ताकि दुकानदार से उच्च क्वालिटी की खाद्य सामग्री खरीदी जा सके।

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