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नगला फूल सहाय में आंसू ही आंसू

जागरण संवाददाता, मैनपुरी: मध्य प्रदेश के महू-नसीराबाद नेशनल हाईवे पर तेज रफ्तार कार और कंटेनर की भिड़

By JagranEdited By: Published: Thu, 27 Apr 2017 07:40 PM (IST)Updated: Thu, 27 Apr 2017 07:40 PM (IST)
नगला फूल सहाय में आंसू ही आंसू
नगला फूल सहाय में आंसू ही आंसू

जागरण संवाददाता, मैनपुरी: मध्य प्रदेश के महू-नसीराबाद नेशनल हाईवे पर तेज रफ्तार कार और कंटेनर की भिड़ंत में नगला फूलसहाय कुचेला के सतेंद्र ¨सह जादौन, उनकी पत्नी खुशी, मां ऊषा देवी, बहन ममता, बहनोई अजय पाल ¨सह परिहार, चाचा भंवर पाल की मौत से नगला फूलसहाय में मातम छा गया। मारे गए लोगों के शव गांव में शुक्रवार सुबह पांच बजे तक पहुंचने की उम्मीद है।

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घटना में मरने वाले सभी लोग नगला फूलसहाय कुचेला में रहते थे। मारे गए सतेंद्र ¨सह के पिता की कुछ साल पहले मौत हो गई थी। वह परिवार को एक साथ रखना चाहते थे, इसलिए पुत्री ममता का विवाह गांव में ही अपनी ननिहाल में रह रहे अजय पाल ¨सह परिहार से कर दिया। वैसे कुछ दिन पहले सतेंद्र ¨सह तथा उनके बड़े भाई दिल्ली जाकर कारोबार करने लगे थे, लेकिन उनका गांव आना-जाना बना रहता था।

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तीन माह पहले ही हुआ था सतेंद्र का विवाह

घटना में मृतक सतेंद्र तथा खुशी का विवाह तीन माह पहले 29 जनवरी को हुआ था। विवाह से पहले सतेंद्र ने गांव में आलीशान कोठी बनवाई थी। शादी के तीन माह बाद ही सड़क हादसे में खुशियां बिखर गईं।

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दादी से छिपाने को न निकाले आंसू

सतेंद्र के घर के पास ही उनके बहनोई अजय पाल ¨सह तथा चाचा भंवर पाल ¨सह का घर है। भंवर पाल ¨सह का परिवार मध्य प्रदेश में रहता है। अजय पाल ¨सह के भाई व परिजन गांव में ही रहते हैं। सतेंद्र की 90 साल की दादी माया देवी गांव में रहती हें। बुधवार रात सड़क हादसे में छह लोगों की मौत की सूचना गांव पहुंची, तो लोगों के दिल दहल गए। लोगों का मानना था कि सतेंद्र की दादी माया देवी इस सदमे को बर्दाश्त नहीं कर सकेंगी। इसलिए शव आने तक के लिए परिजन भी अपने आंसू पी गए। गांव के लोगों को भी हिदायत दी गई कि वे शोक संवेदना व्यक्त करने अभी न आएं, ताकि दादी को घटना की जानकारी न हो सके। मातम के बावजूद गांव के लोग शोकग्रस्त परिवार के घर की ओर नहीं गए।

काट-काटकर निकाले गए शव

बताया गया है कि भीषण दुर्घटना में कार सवार लोगों के शव बुरी तरह सीटों के बीच फंस गए थे। ऐसे में सीटों को काटकर उन्हें बाहर निकाला गया। इस कार्य में काफी देरी हो गई। जिसने भी इस दुर्घटना का मप्र में दृश्य देखा उसका दिल दहल गया। कंटेनर में फंसी कार घिसट रही थी, और गाड़ी में लोगों को चीखने तक का मौका ही नहीं मिला।


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