दीप जलाकर करें शहीदों को नमन
मैनपुरी: भारतीय सेना का नाम सुनते ही हमारे मन में एक अलग छवि बन जाती है। अनुशासित जीवन शैली, कभी
मैनपुरी: भारतीय सेना का नाम सुनते ही हमारे मन में एक अलग छवि बन जाती है। अनुशासित जीवन शैली, कभी हार न मानने के जज्बे की कहानी हमारे जेहन में दौड़ जाती है। लेकिन इन सबके विपरीत जो हकीकत है वह बहुत कड़वी है। सीमा पर तैनात जवान दिन रात रक्षा के लिए हाथ में बंदूक लिए खड़े रहते हैं। लेकिन उनके लिए यह इतना आसान भी नहीं होता है। कभी गर्मी की मार झेलनी पड़ती है तो कभी ठंड का वार। लेकिन हमारे सैनिक अपने कर्तव्य पथ से कभी नहीं डिगते हैं। वे निरंतर अपने कर्तव्य पालन में लगे रहते हैं। लड़ाई के समय कई बार ऐसा होता है कि हमारे सैनिकों को खाना तो दूर की बात है कई-कई दिनों तक पानी भी नसीब नहीं होता है। सेना के जवानों का संघर्षों से भरा हुआ जीवन हमारे लिए किसी सीख से कम नहीं है। ऐसा नहीं है कि भारतीय जांबाज अंजाने में सेना में चले जाते हैं। उन्हें सरहद पर खतरे के साथ उनकी राह में आने वाली समस्याओं के बारे में भी जानकारी होती है। लेकिन इसके बाद भी वे सेना में भर्ती होकर देश के लिए लड़ते हैं और शहीद हो जाते हैं। सीमा पर तैनात जो सैनिक शहीद हो जाते हैं, हम कुछ दिन तक तो उनकी खूब बातें करते हैं। लेकिन समय के साथ भूल जाते हैं। इसीलिए हमारा कर्तव्य है कि हम दीपावली पर एक दीया शहीदों के लिए जलाकर उन्हें याद करें।
राजीश यादव, पूर्व आध्यक्ष, बार एसोसिएशन, मैनपुरी।