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मढ़ापुर में नहीं बन सके 79 शौचालय

मैनपुरी, करहल : गांव मढ़ापुर प्रशासन ने खुले में शौचमुक्त घोषित कर दिया है। गांव की वास्तविक स्थि

By Edited By: Published: Thu, 29 Sep 2016 05:05 PM (IST)Updated: Thu, 29 Sep 2016 05:05 PM (IST)
मढ़ापुर में नहीं बन सके 79 शौचालय

मैनपुरी, करहल : गांव मढ़ापुर प्रशासन ने

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खुले में शौचमुक्त घोषित कर दिया है। गांव की वास्तविक स्थिति जानने के लिए गुरुवार को जागरण की टीम ने स्थलीय निरीक्षण किया, पाया कि गांव में अब तक 79 शौचालय तो बने ही नहीं हैं। कई परिवार खुले में शौच अभी जा रहे हैं। वहीं जिनका निर्माण पूर्ण हुआ है उनमें अधिकांश अधूरे हैं।

ग्राम मढ़ापुर शौचालयों के मामले में कागजों में संतृप्त हो गया है। जमीनी हकीकत कुछ और ही है। जागरण द्वारा गुरुवार को गांव में जाकर पड़ताल की गई, जिसमें गांव के लोगों का कहना था कि शौचालय बने नहीं जबकि उनके गांव को खुले में शौचमुक्त घोषित कर दिया। कई बार लोगों ने ब्लॉक स्तर पर शिकायत की, लेकिन हर बार पैसा आने पर शौचालय बनवाने की बात कह दी जाती है।

क्या कहते हैं ग्रामीण

- उन्होंने कई बार शौचालय निर्माण के लिए ग्राम प्रधान और ग्राम पंचायत सचिव से मांग की। हर बार कहा गया कि पैसा अभी नहीं आया है। पैसा आने पर शौचालय का निर्माण कराया जाएगा। लेकिन अभी तक शौचालय का निर्माण शुरू नहीं कराया गया।

- जयचंद्र दिवाकर।

उन्हें हर बार शौचालय निर्माण के लिए आश्वासन मिला। गांव को खुले में शौचमुक्त घोषित किया गया, लेकिन अधिकांश शौचालय बने ही नहीं हैं। जो बने भी हैं उनमें से किसी में गेट नहीं है तो किसी की छत नहीं डाली गई।- राम खिलाड़ी।

गांव में अधिकारी आए बताया कि सभी घरों में शौचालय बनेंगे। पंचायत सचिव पैसा आने पर ही शौचालय बनाने की बात करते हैं। उनके शौचालय का अभी तक निर्माण ही शुरू नहीं कराया।

- धनीराम।

शौचालय तो बनवाए गए लेकिन अधिकांश शौचालयों में गेट नहीं लगाए गए। ग्राम प्रधान से कहने पर उन्होंने धनराशि आने पर गेट लगवाने की बात कही है।

- मिथलेश।

ग्राम प्रधान की गैर मौजूदगी में गांव में अभी तक 187 आवासों में शौचालय बनवाए हैं। अभी 79 घरों में शौचालय बनना बाकी है। बजट आ चुका है शौचालय बनवा दिए जाएंगे। गांव को अधिकारियों ने खुले में शौचमुक्त घोषित किया है।

- प्रेमचंद्र बाथम, पंचायत सचिव।

मढ़ापुर में शौचालय बनवाने के लिए सभी ग्रामीण तैयार हैं। ग्रामीणों ने खुले में शौच न जाने की बात उनसे कही है। इसलिए गांव को खुले में शौचमुक्त घोषित किया है। 20 दिन में सभी शौचालयों का निर्माण पूर्ण कराकर गांव को पूर्ण रूप से खुले में शौचमुक्त घोषित कर दिया जाएगा।

- नरेशचंद्र यादव, डीपीआरओ।


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