दादी-नानी की कहानी से होगा बच्चों का ज्ञानार्जन
मैनपुरी : अब दादी दोबारा परियों की कहानी सुनाएंगी। मर्ज पर मरहम रखने के लिए नानी के नुस्खों को भी
मैनपुरी : अब दादी दोबारा परियों की कहानी सुनाएंगी। मर्ज पर मरहम रखने के लिए नानी के नुस्खों को भी बखूबी आजमाया जाएगा। और, यह सबकुछ संभव होगा परिषदीय स्कूलों में। बुजुर्गों एवं वरिष्ठ नागरिकों के प्रति सेवाभाव को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एक अक्टूबर को सभी स्कूलों में दादी-नानी दिवस मनाया जाएगा। पहली बार ऐसे आयोजन की तैयारियों से शिक्षक ही नहीं बच्चे भी बेहद उत्साहित हैं।
परिषदीय स्कूलों के बच्चों को किताबी ककहरा सिखाने के साथ अब संस्कारों की शिक्षा भी दी जाएगी। ¨जदगी का असल पाठ पढ़ाने के लिए इस बार गुरुजी नहीं, बल्कि दादी और नानी को बुलाया जाएगा। जी हां, बुजुर्गों के प्रति आदर सम्मान की भावना को बढ़ावा देने और उनके अनुभवों से ¨जदगी को दिशा प्रदान करने के उद्देश्य से एक अक्टूबर को जिले के सभी परिषदीय स्कूलों में कार्यक्रम का आयोजन कराया जाएगा।
इसके लिए संबंधित क्षेत्र के बुजुर्गों और वरिष्ठ नागरिकों को विद्यालय में आमंत्रित किया जाएगा। बुजुर्गों से अपील की जाएगी कि वे अपनी ¨जदगी के प्रेरणादायक पलों को बच्चों के साथ साझा करें ताकि बच्चे भी कुछ नया सबक ले सकें। प्रेरणास्पद कार्यक्रमों का ही आयोजन कराया जाएगा। सिर्फ इतना ही नहीं, बच्चों के ही हाथों से बुजुर्गों को सम्मानित भी कराया जाएगा।
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी रामकरन यादव का कहना है कि बच्चों को संस्कारवान बनाने में यह पहल बेहद कारगर साबित होगी। इसका सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि बच्चों के साथ हम सभी को बुजुर्गों के अनुभवों से शिक्षा लेने का अवसर मिलेगा। शासन के निर्देश के अनुसार प्रत्येक विद्यालय में धूमधाम से इस दिवस का आयोजन कराया जाएगा।
राह के कांटों का दर्द भी समझाएंगे
वरिष्ठ नागरिक दिवस में वरिष्ठ नागरिकों से न सिर्फ शिक्षा ली जाएगी बल्कि उनसे उनके जीवन की उन मुश्किलों को भी जानने का प्रयास किया जाएगा जो उन्होंने झेली हैं। अपने जीवन की समस्याओं पर भी बुजुर्गों को खुलकर बोलने का अवसर दिया जाएगा। व्यवस्था में बदलाव के लिए भी वरिष्ठ नागरिक सलाह देंगे।