कागज पर बनी योजनाएं धरातल पर फेल
मैनपुरी : अधिकारी जाम से निपटने की रणनीति बनाते रहे, लेकिन योजनाएं धरातल पर नहीं उतर सकीं। यही का
मैनपुरी : अधिकारी जाम से निपटने की रणनीति बनाते रहे, लेकिन योजनाएं धरातल पर नहीं उतर सकीं। यही कारण है कि जिले में जाम की समस्या से निजात नहीं मिल पाई है। यह बात अलग है कि न यातायात पुलिसकर्मी हैं और न ही जाम से निपटने के संसाधन। साप्ताहिक बाजार बंदी के दिन तो हालात और भी खराब हो जाते हैं। गुरुवार को दिनभर शहरवासियों को जाम के झाम से जूझना पड़ा।
दृश्य एक : तांगा स्टैंड चौराहा
सबसे ज्यादा जाम इसी चौराहे पर लगता है। यहां जाम के दौरान होने वाली अव्यवस्था पर नजर रखने के लिए पुलिस प्रशासन द्वारा सीसीटीवी कैमरा लगवाया था। मगर, आज तक कैमरे की मदद से ट्रैफिक की निगरानी नहीं की गई। गुरुवार दोपहर चौराहे पर जाम की स्थिति बनी रही। प्रतिबंधित समय में रास्ते पर चार पहिया वाहनों को प्रवेश करा दिए जाने के कारण हालात और भी ज्यादा खराब हो गए। लोगों को रुक-रुककर देर तक जाम का सामना करना पड़ा।
दृश्य दो : बाटा वाली गली
सिटी पोस्ट ऑफिस से आगे वाली पूरी सड़क दोपहर बाद जाम से जूझती रही। गुरुवार को साप्ताहिक बंदी के बावजूद पटरी बाजार लगता है। प्रतिबंधित रास्ते पर तिपहिया और चार पहिया वाहनों के प्रवेश करने के कारण सड़क मार्ग पर आवागमन पूरी तरह से बाधित हो गया। जाम के बीच एंबुलेंस भी देर तक निकलने के लिए जूझती रही। तांगा स्टैंड से लेकर संता-बसंता मार्ग तक सड़क के दोनों ओर जाम की वजह से राहगीरों को परेशानी का सामना करना पड़ा।
दृश्य तीन : बड़ा चौराहा
यहां से क्रिश्चियन तिराहे की ओर तिपहिया और चार पहिया के अलावा व्यावसायिक वाहनों के आवागमन पर पाबंदी है। इसके लिए बैरियर रखवाकर यहां पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है। लेकिन पुलिसकर्मियों की साठगांठ से दोपहर में ओवरलोडेड चार पहिया वाहन को बड़ा चौराहा से बाजार के अंदर प्रवेश करा दिया था। स्थिति यह हुई कि जिन-जिन रास्तों से यह टाटा मैजिक टेंपो गुजरे, वहां देर तक जाम के हालात बने रहे।
दृश्य चार : संता-बसंता चौराहा
संता-बसंता चौराहा के आसपास लोहामंडी, बजाजा बाजार सहित कई अन्य बाजार लगते हैं। रोजाना यहां लोगों की भीड़ उमड़ती है। सिर्फ दोपहिया वाहनों के प्रवेश की अनुमति दी गई है। लेकिन, दोपहिया वाहन चालकों द्वारा अपने वाहनों को फुटपाथों और सड़क पर जहां-तहां मनमाने ढंग से खड़ा कर दिया जाता है। वाहनों की पार्किंग न होने के कारणयहां जाम के हालात बनते हैं।
क्या बोले लोग
'क्रिश्चियन तिराहा से बड़ा चौराहा तक की सड़क बेहद व्यस्त सड़क है। दिनभर इस मार्ग पर हजारों लोगों का आना-जाना लगा रहता है। यह देखते हुए भी कोई इंतजाम नहीं कराए गए हैं। प्रतिबंधित समय में वाहनों की आवाजाही पर कोई पाबंदी नहीं लगाई गई है।
अवनीश कश्यप।
'जब तक वाहनों की पार्किंग के लिए व्यवस्था नहीं होती है तब तक जाम की समस्या का स्थायी निदान नहीं हो सकता। स्थिति यह है कि बाजार में वाहनों के मनमाने प्रवेश की वजह से रोजाना व्यवस्था बाधित हो रही है। प्रशासन को पार्किंग के प्रबंध कराने चाहिए।
श्याम गुप्ता।
'चौराहों और तिराहों पर निगरानी के लिए पुलिस की ड्यूटी लगाई जाती है। लेकिन, अक्सर पुलिसकर्मियों की अनदेखी की वजह से प्रतिबंधित वाहन आसानी से बाजार में प्रवेश करते हैं और जाम की वजह बनते हैं। यदि इन वाहनों पर अंकुश लगा दिया जाए तो जाम की समस्या का समाधान हो सकता है।
जाग्रत अरोरा।
'फुटपाथों पर अवैध कब्जा करने वाली दुकानों को हटवाने की व्यवस्था होनी चाहिए। हथठेला और रेहड़ी वालों के लिए उचित स्थान का इंतजाम कराकर ही जाम से निपटा जा सकता है।
राजकुमार।