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शहर में खून बेचने का रैकेट

मैनपुरी: शहर के अधिकांश पैथोलॉजी गुपचुप तरीके से खून की सप्लाई नर्सिंग होमों को कर रहे हैं। जिम्म

By Edited By: Published: Fri, 10 Jun 2016 07:08 PM (IST)Updated: Fri, 10 Jun 2016 07:08 PM (IST)
शहर में खून बेचने का रैकेट

मैनपुरी: शहर के अधिकांश पैथोलॉजी गुपचुप तरीके से खून की सप्लाई नर्सिंग होमों को कर रहे हैं। जिम्मेदार स्वास्थ्य विभाग इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है। दो दिन पहले अवैध नर्सिंग होम में मिले दो यूनिट ब्लड के बारे में विभाग ने कोई पूछताछ नहीं की।

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जिले में केवल महाराजा तेज ¨सह जिला चिकित्सालय में ही ब्लड बैंक है। लेकिन शहर में कई ऐसे भी पैथोलॉजी हैं जो ब्लड की सप्लाई कर रहे हैं। ये डोनर से ब्लड लेकर उसे नर्सिंग होम को बेच देते हैं। बुधवार को जिलाधिकारी लोकेश एम ने कचहरी रोड स्थित दिव्याराज नर्सिंग एवं मेटरनिटी होम पर छापा मारा। यहां अवैध रूप से प्रसव कराया जाता था दो प्रसूताओं को जो ब्लड चढ़ाया गया उस पर न तो कोई मुहर थी और न ही कोई अन्य सूचना। ये देख जिलाधिकारी दंग रह गए। मरीजों के तीमारदारों ने बताया कि नर्सिग होम एक यूनिट ब्लड के छह हजार रुपये वसूलता है। ब्लड कहां से आया इसकी जानकारी तीमारदार नहीं दे जाती। जाहिर है कि नर्सिंग होम ने कहीं और से ब्लड की व्यवस्था की। लेकिन कहां से यह ब्लड आया है इसकी जानकारी करना स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने जरूरी नहीं समझा।

सूत्रों का कहना है कि शहर में बड़े पैमाने पर खून उपलब्ध कराने का रैकेट चल रहा है। ये रैकेट कई पैथोलॉजी से संचालित होता है। पैथोलॉजी में पेशेवर डोनरों को कुछ रुपये देकर बुलाया जाता है और फिर उसे नर्सिंग होम पर बेच दिया जाता है। नर्सिंग होम संचालक अच्छी कीमत लेकर मरीजों को ये ब्लड चढ़ाते हैं। जानकारों का कहना है कि यदि नर्सिंग होम संचालक से पूछताछ की जाती, तो निश्चित रूप से ब्लड रैकेट का भंडाफोड़ हो जाता। लेकिन यहां सारा मामला ठंडे बस्ते में चला गया। शुक्रवार को जिलाधिकारी ने सीएमओ डॉ. केके शर्मा को निर्देश दिए कि वे सभी निजी चिकित्सकों और नर्सिंग होम संचालकों की बैठक कर उन्हें ब्लड के बारे कड़े निर्देश दिए जाएं। जिलाधिकारी कहते हैं कि अवैध रूप से नर्सिंग होम में मिले खून से साफ है कि कोई रैकेट काम कर रहा है।

कचहरी रोड की पैथोलॉजी संदेह के दायरे में

कचहरी रोड स्थित एक पैथोलॉजी संदेह के दायरे में है। बताते हैं कि इस पैथोलॉजी पर काफी दिनों से खून का खेल खेला जा रहा है। यहां पेशेवर रक्तदाता से खून लेकर उसे नर्सिंग होम में बेचा जाता है।

डीएम की सख्ती पर आई झोलाछाप की सुधि

मैनपुरी : जिले में गांव-गांव झोलाछाप की दुकानें सजी हैं। यही नहीं शहर में बिना डिग्री कई चिकित्सक नर्सिंग होम संचालित कर रहे हैं। जांच में इसका खुलासा भी हुआ। लेकिन स्वास्थ्य विभाग चुप्पी साधे रहा। जब डीएम ने सख्ती की तो कार्रवाई की सुधि आई। अब विभाग झोलाछाप की सूची तैयार कर रहा है।

डीएम की सख्ती के बाद जिले में झोलाछाप के खिलाफ विभाग ने सभी प्रभारी चिकित्साधिकारियों और चिकित्सा अधीक्षकों से उनके क्षेत्र में क्लीनिक, नर्सिंग होम का संचालन करने वाले झोलाछाप की सूची मांगी है। सूची मिलने पर कार्रवाई की जाएगी। सीएमओ डॉ. केके शर्मा ने बताया कि सूची तैयार कराई जा रही है। जल्द ही बड़े पैमाने पर अभियान चलेगा।


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