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लाल खून का काला 'खेल'

मैनपुरी: जिले में लाल खून का काला 'खेल' चल रहा है। कहने को जिला अस्पताल में ब्लड बैंक है, लेकिन श

By Edited By: Published: Thu, 09 Jun 2016 07:05 PM (IST)Updated: Thu, 09 Jun 2016 07:05 PM (IST)
लाल खून का काला 'खेल'

मैनपुरी: जिले में लाल खून का काला 'खेल' चल रहा है। कहने को जिला अस्पताल में ब्लड बैंक है, लेकिन शहर की अधिकांश पैथोलॉजी में खून का गंदा खेल खेला जा रहा है। पैथोलॉजी से सीधे नर्सिंग होम में खून की सप्लाई की जा रही है और यहां अधिक पैसे लेकर मरीज को ब्लड चढ़ाया जा रहा है। खून सही या है संक्रमित, मरीज को ये भी नहीं पता चल पाता है। न तो ब्लड की थैली में इस आशय की मुहर लगती है और न ही कोई पर्ची चिपकाई जाती है। खून का यह काला खेल मरीजों की जान भी ले सकता है।

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जिले में केवल एक ब्लड बैंक है, वह भी जिला अस्पताल में। नियम है कि कोई भी जरूरतमंद ब्लड बैंक में एक बोतल खून और उसका 400 रुपये चार्ज जमा कर अपनी जरूरत का ब्लड ले सकता है, लेकिन शहर के नर्सिंग होम में खून के नाम पर खेल चल रहा है। यहां अस्पताल के ब्लड बैंक से खून न लेकर सीधे पैथोलॉजी से ब्लड खरीदा जा रहा है। खास बात ये है कि इस ब्लड पर न तो ब्लड ग्रुप लिखा होता है और न ही ऐसी कोई जांच रिपोर्ट, जिससे ये साबित हो कि ब्लड सही है।

पैथोलॉजी संचालक शहर में पेशेवर ब्लड डोनर से संपर्क रखते हैं और उन्हें पैसा देकर खून ले लेते हैं। बुधवार को जिलाधिकारी लोकेश एम. ने कचहरी रोड स्थित दिव्याराज नर्सिंग एवं मेटरनिटी होम पर छापेमारी की, तो उनका इसी सच से सामना हुआ। यहां मरीजों को जो ब्लड चढ़ाया जा रहा था। ब्लड की थैली पर कोई भी मुहर नहीं लगी थी। जब मरीजों को पूछा गया, तो वह भी ब्लड के बारे में जानकारी नहीं दे पाए, लेकिन इतना बताया कि उनसे छह हजार रुपये वसूले गए हैं। खास बात ये है कि खून के इस खेल में स्वास्थ्य विभाग ने चुप्पी साध रखी है। विभाग ने खून के बारे में कोई पड़ताल नहीं की।

सूत्रों का कहना है कि शहर की अधिकांश पैथोलॉजी में बड़े पैमाने पर अवैध रूप से खून की बिक्री की जा रही है। हिरासत में लिए गए दिव्याराज नर्सिंग होम के संचालक से यदि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी और पुलिस कड़ाई से पूछताछ करती, तो इस सच का खुलासा हो जाता है कि वह ब्लड कहां से ला रहे हैं और कहां-कहां यह खेल चल रहा है, लेकिन किसी ने भी इसके लिए पहल नहीं की। फर्जी तरीके से ब्लड चढ़ाते पाए जाने के बाद भी मामला ठंडे बस्ते में चला गया।

24 घंटे ब्लड देने की है व्यवस्था

जिला अस्पताल के ब्लड बैंक में 24 घंटे ब्लड देने की व्यवस्था है। ब्लड बैंक के एलटी टीसी भारती का कहना है कि जिले में ब्लड बैंक के अलावा अन्य कोई पैथोलॉजी ब्लड देने के लिए अधिकृत नहीं है। ब्लड बैंक में सभी जांचें करने के बाद ही रोगी को ब्लड उपलब्ध कराया जाता है।

जांच कर होगी कार्रवाई

दिव्याराज नर्सिंग होम में ब्लड चढ़ाने के लिए कहां से आया, इसकी जांच कराई जाएगी। यदि पैथोलॉजी पर ब्ली¨डग कराई जाती है, तो जांच कर पैथोलॉजी संचालक के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई की जाएगी। अधिकृत ब्लड बैंक से ही ब्लड चढ़ाया जाना चाहिए। गोपनीय स्तर पर भी इस संबंध में जानकारी जुटाकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

डॉ. केके शर्मा, सीएमओ, मैनपुरी।


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