माननीयों के 'दस्तखत' को ठहरा है पानी
मैनपुरी: जनता पानी को परेशान है। सरकार राहत देने को तैयार है, मगर सियासत के जिले के माननीय व्यस्त
मैनपुरी: जनता पानी को परेशान है। सरकार राहत देने को तैयार है, मगर सियासत के जिले के माननीय व्यस्त हैं। उनके एक दस्तखत के लिए 1300 हैंडपंपों का पानी ठहरा हुआ है। इन हैंडपंप के री-बोर कराने के लिए जल निगम कई बार विधायकों को पत्र भेज चुका है, मगर कोई सुनने को ही तैयार नहीं।
सूखे से जूझते उप्र के जिलों में मैनपुरी भी शामिल हैं। सरकार ने इसे सूखाग्रस्त घोषित करते हुए राहत की घोषणा की थी। पेयजल संकट के समाधान के लिए खराब पड़े हैंडपंप रीबोर कराने के लिए कार्यदायी संस्थाओं को बजट भी दिया गया। क्षेत्रीय विधायकों को अपने क्षेत्र के खराब हैंडपंपों की रीबोर की संस्तुति भेजना है।
अधिशासी अभियंता जल निगम ओमवीर दीक्षित का कहना है कि 40 हजार हैंडपंपों में से लगभग 1250 हैंडपंप खराब हैं, जिन्हें रीबोर कराया जाना है। उनका कहना है कि उन्होंने सभी विधायकों को पत्र लिखकर उनके क्षेत्र में खराब पडे़ हैंडपंपों की सूची मांगी है। विधायकों की ओर से प्राथमिकता से जो रीबोर कराने के लिए सूची उपलब्ध कराई जाएगी, उसी आधार पर काम शुरू होगा। लेकिन, सदर विधायक राजकुमार यादव को छोड़कर जिले के तीन विधायक और दो एमएलसी ने अभी तक अपने क्षेत्रों के खराब हैंडपंपों की सूची उपलब्ध नहीं कराई है। यदि सूची उपलब्ध होती है, तो वे हैंडपंपों की मरम्मत के लिए कार्य करा सकते हैं।
कुछ ऐसा ही हाल नगर पालिका क्षेत्र का भी है। अधिशासी अधिकारी रामपाल यादव का कहना है कि पालिका के सभी 25 वार्डों में कुल 1135 हैंडपंप लगे हैं। इनमें से फिलहाल 50 के आसपास रीबोर होने को हैं।
कॉलोनियों में भी पानी का संकट
शहर में भी पेयजल की किल्लत गहराई हुई है। जिला अस्पताल के पीछे चिकित्सक कॉलोनी में लगा इंडिया मार्का हैंडपंप लंबे समय से खराब पड़ा हुआ है। इमरजेंसी में आने वाले मरीज यहां चिकित्सकों के पास आते रहते हैं, लेकिन मरीजों को तपती दोपहरी में पीने के पानी के लिए परेशान होना पड़ता है। शहर के मुहल्ला राजा का बाग, हरिदर्शन नगर, खरगजीत नगर, आवास विकास कॉलोनी, पुरानी मैनपुरी, भरतवाल, पुरोहिताना, सौतियाना, चौथियाना, कांशीराम कॉलोनी, जिला चिकित्सालय परिसर, गाड़ीवान सहित कई अन्य कॉलोनियों में हैंडपंप या तो खराब पडे़ हुए हैं या रीबोर का इंतजार कर रहे हैं। लोगों को दूर लगे हैंडपंपों से पीने का पानी भरकर लाना पड़ रहा है।