मंडी की कहानी, न बिजली न पानी
मैनपुरी : नवीन मंडी का हाल बेहाल है। न बिजली की यहां व्यवस्था है और न ही पीने के पानी के प्रबंध ह
मैनपुरी : नवीन मंडी का हाल बेहाल है। न बिजली की यहां व्यवस्था है और न ही पीने के पानी के प्रबंध हैं। व्यापारियों से लेकर पल्लेदार और कास्तकार से लेकर कर्मचारी तक सभी परेशान हैं। मंडी प्रशासन द्वारा सुविधाएं न कराए जाने से परेशान व्यापारियों ने अब जिलाधिकारी से गुहार लगाई है।
गुरुवार की दोपहर फूडग्रेन कमीशन एजेंट एसोसिएशन के नेतृत्व में व्यापारियों की बैठक मंडी परिसर में हुई। बैठक में व्यापारियों को संबोधित करते हुए अध्यक्ष उपदेश यादव ने कहा कि नवीन मंडी में रोजाना लाखों का लेन-देन होता है। व्यापारियों, कास्तकारों से लेकर सैकड़ों किसान प्रतिदिन यहां आते हैं। अक्सर चौबीस घंटे खरीद भी करनी पड़ती है। लेकिन, यहां सुविधाओं का अकाल है। व्यापारियों का कहना है कि मंडी में न तो पर्याप्त बिजली है और न ही पीने का पानी है।
आधे से ज्यादा हैंडपंप खराब पडे़ हैं। जो चालू हैं, वे ऐसे स्थान पर लगे हैं जहां सिर्फ गंदगी ही गंदगी पड़ी है। कभी भी नालियों की सफाई नहीं कराई जाती है। बरसात के दिनों में तो हालात बद से बदतर हो जाते हैं। महामंत्री अनुपम कुशवाह का कहना है कि कई बार मंडी प्रशासन को समस्या बताई गई लेकिन आज तक कोई प्रबंध नहीं कराए गए हैं। पेयजल और सफाई के लिए व्यापारियों को परेशान होना पड़ता है। मंडी प्रशासन द्वारा की जा रही अनदेखी से परेशान व्यापारियों ने अब जिलाधिकारी लोकेश एम से मंडी का निरीक्षण कर समस्याओं का स्थायी निदान कराने की मांग की है।
बैठक में सुरेश चंद्र बंसल, सियाराम, रामवीर, बलवंत ¨सह, सुधीर गुप्ता, विजेंद्र, राजेश, सतीश राजपूत सहित कई व्यापारी बैठक थे।