पोषण पुनर्वास केंद्र में14 दिनों तक रखे जाएं बच्चे
मैनपुरी : डीएम ने बुधवार को पोषण मिशन कार्यक्रम की समीक्षा की। समीक्षा के दौरान पाया कि कार्यक्रम
मैनपुरी : डीएम ने बुधवार को पोषण मिशन कार्यक्रम की समीक्षा की। समीक्षा के दौरान पाया कि कार्यक्रम में लापरवाही बरती जा रही है। नाराजगी जताते हुए उन्होंने निर्देश दिए कार्यक्रम को गंभीरता से लिया जाए। गोद लिए गांव को अधिकारी बोझ न समझें। हर माह गोद लिए गांव का निरीक्षण करें। कुपोषित बच्चों को 14 दिनों तक पोषण पुनर्वास केंद्र में भर्ती रखा जाए।
विकास भवन के अंबेडकर सभागार में कार्यक्रम की समीक्षा के दौरान डीएम लोकेश एम ने कहा कि अधिकारी प्रतिमाह गोद लिए गांव का भ्रमण कर फोटोग्राफ सहित भ्रमण आख्या 28 तारीख तक उपलब्ध कराएं। इस दौरान अधिकारी अपने सामने अतिकुपोषित, कुपोषित बच्चों का वजन कराएं। प्रभारी चिकित्साधिकारी और सीडीपीओ बच्चों को पोषण पुनर्वास केंद्र पर भर्ती कराएं।
डीएम ने कहा कि राज्य पोषण मिशन के तहत गोद लिए गांव को अधिकारी बोझ न समझें, बल्कि देश के भविष्य बच्चों की दशा सुधारने की दिशा में काम करें। अधिकारी भ्रमण पर जाने से पूर्व क्षेत्र की एएनएम, आंगनबाड़ी, सीडीपीओ के संज्ञान में लाएं। अभिभावकों से बात करें, यदि वह पात्र हो तो उन्हें पात्र गृहस्थी राशन कार्ड बनवाकर उपलब्ध कराएं साथ ही उन्हें समाजवादी पेंशन योजना में भी लाभान्वित कराया जाए। योजना के तहत मिलने वाली पेंशन को बच्चों के खाने पर व्यय करने के लिए प्रेरित करें। कुपोषित बच्चों के घरों में शौचालय बनवाए जाएं। कुपोषित बच्चों को सामान्य श्रेणी में लाने के लिए उन्हें समय से उचित आहार उपलब्ध हो। उन्होंने कहा कि गर्भवती, धात्री महिलाओं, किशोरियों के साथ-साथ बच्चों को सभी पोषक तत्वों से समाहित पंजीरी का वितरण किया जाए।
बैठक में सीएमओ डॉ. केके शर्मा, सीएमएस डॉ. दुष्यंत त्यागी, एसडीएम करहल रामचंद्र, भोगांव विजय प्रताप ¨सह, परियोजना निदेशक विजय कुमार, डीडीओ जेएन कुरील, जिला समाज कल्याण अधिकारी विवेक बाजपेई आदि अधिकारी मौजूद थे।