तेज धूप और लू ने किया परेशान
मैनपुरी : भीषण गर्मी से लोगों को निजात मिलती नजर नहीं आ रही है। बुधवार को भी तापमान 41.6 डिग्री स
मैनपुरी : भीषण गर्मी से लोगों को निजात मिलती नजर नहीं आ रही है। बुधवार को भी तापमान 41.6 डिग्री सेल्सियस रहा। सुबह 10 बजे से ही सड़कों पर सन्नाटा पसर गया। अस्पताल में सुबह से रोगियों की भी भीड़ दिखी। उल्टी, दस्त, बुखार से पीड़ित होने पर 239 रोगी जिला अस्पताल पहुंचे।
तापमान कम होते नजर नहीं आ रहा है। अप्रैल में इतने अधिक तापमान से लोग परेशान हैं। गर्मी और लू के थपेड़े लोगों के बदन को न केवल झुलसा रहे हैं बल्कि बीमार भी बना रहे हैं। बुधवार को तापमान 41.6 डिग्री सेल्सियस रहा। सुबह 10 बजे से अधिकांश मार्गों पर सन्नाटा नजर आया। जरूरी काम से जाने वाले लोग ही मार्गों पर नजर आ रहे थे। जो लोग बाजार में थे वह गर्मी से बचाव के लिए पूरा इंतजाम करते देखे जा सकते थे।
सड़कों के किनारे खड़े हथठेलों पर लोग गन्ना जूस और बेल का शर्बत पीते नजर आ रहे थे। लोगों का कहना था कि पिछले गई वर्षों से अप्रैल में इस तरह की गर्मी नहीं देखी। जिला अस्पताल पहुंचे सर्वेश कुमार का कहना था कि उनकी तीन वर्ष की पुत्री को मंगलवार को स्कूल लौटते समय बुखार आ गया। चिकित्सक ने लू लगने से बुखार आना बताया है।
गर्मी में अघोषित बिजली कटौती संकट और अधिक बढ़ा रही है। दिन हो या रात हर समय अघोषित बिजली कटौती से बुरा हाल रहता है। जिला अस्पताल में बुधवार को उल्टी, दस्त, बुखार और जुकाम से पीड़ित 239 रोगी पहुंचे। चिकित्सकों ने 56 रोगियों को जांच कराने की सलाह दी। जिला अस्पताल के आपातकालीन चिकित्साधिकारी डॉ. डीके ¨सह का कहना है कि इस मौसम में समय-समय पर पानी पीते रहना चाहिए। थाने में तरल पदार्थों का अधिक प्रयोग करें। हालत बिगड़ने पर नजदीक के अस्पताल में कुशल चिकित्सक से परामर्श लें।
हीट स्ट्रोक से बचाव की दी जानकारी
मैनपुरी : सीएमओ ने भीषण गर्मी को देखते हुए लोगों को हीट स्ट्रोक से बचाव की जानकारी दी है। सीएमओ डॉ. केके शर्मा ने बताया कि यदि किसी व्यक्ति की गर्म, लाल और शुष्क त्वचा हो, पसीना न आए, हृदय गति तेज हो, सिर दर्द, थकान, चक्कर, उलटी आए, पेशाब कम आए तो ये हीट स्ट्रोक के लक्षण हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि हीट स्ट्रोक से बचाव के लिए धूप में निकलते समय पर्याप्त मात्रा में पानी पिए। टोपी, छाता लगाकर ही बाहर निकलें। हालत बिगड़ने पर तत्काल नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर रोगी को ले जाएं। ऐसे संभावित रोगी की सूचना सीएमओ कार्यालय और जिला सर्विलांस सेल पर दें।